देहरादून (ब्यूरो)। दरअसल, इस वर्ष फरवरी में ट्रैफिक डायरेक्ट्रेट की ओर से उत्तराखंड ट्रैफिक आई एप की शुरुआत की गई थी। मकसद था कि लाख कोशिशों के बावजूद लोग ट्रैफिक नियमों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। इसको देखते हुए ट्रैफिक डायरेक्ट्रेट ने आम लोगों को ताकत दी। कहा, वे ट्रैफिक नियमों के संचालन में अपना योगदान दें और नियमों को तोड़ने वालों की तस्वीरें व वीडियो ट्रैफिक पुलिस तक पहुंचाएं। हालांकि, शुरुआत धीमी रही, लेकिन अब तेजी आ रही है। ट्रैफिक डायरेक्ट्रेट के आंकड़े बताते हैं कि फरवरी आखिर से लेकर अब तक करीब 40 हजार से अधिक वीडियो व फोटोग्राफ ट्रैफिक डायरेक्ट्रेट में प्राप्त हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा देहरादून से हासिल हुए हैं। इसके एवज में ट्रैफिक पुलिस ने ऐसे उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की है।

उत्तराखंड ट्रैफिक आई एप पर एक नजर
-कोई भी डाउनलोड कर सकता है उत्तराखंड ट्रैफिक आई एप।
-एप के जरिए ट्रैफिक उल्लंघन करने वालों के फोटोग्राफ व वीडियो ट्रैफिक पुलिस को शेयर कर सकते हैं।
-शुरुआत में कम इमेजेज व वीडियो आई, लेकिन अब पकड़ रही रफ्तार।
-आम के साथ पुलिस कर्मियों ने भी किए वीडियो व फोटोग्राफ शेयर।
-वीडियो व इमेज भेजने वालों को नहीं रहती है पहचान।

अवेयरनेस के कारण सुधर रहा ट्रैफिक
ट्रैफिक डायरेक्टर मुख्तार मोहसिन के अनुसार एप के जरिए अब तक सबसे ज्यादा चार जिलों से वीडियो व इमेजेज हासिल हुए हैं। इनमें देहरादून अव्वल है। पहले चरण में लोगों में अवेयरनेस की कमी थी, लेकिन अब लोग जागरुकता से साथ लगातार इमेजेज व वीडियो सेंड कर रहे हैं। यही वजह है कि ट्रैफिक वॉयलेशन में काफी मदद मिल रही है। इसके एवज में ट्रैफिक वॉयलेशन करने वालों के खिलाफ चालानी की कार्रवाई भी जारी है।

ऐसे होती है प्रॉसेस
-मोबाइल पर ट्रैफिक एप डाउनलोड।
-ट्रैफिक वॉयलेशन करने पर वीडियो व इमेज क्लिक करें।
-एप के जरिए वीडियो व इमेज ट्रैफिक ऑफिस पहुंचेगी।
-इमेज व वीडियो पहंुचाने वालों की पहचान रहेगी गोपनीय।
-उसके बाद ट्रैफिक पुलिस शुरू करती है चालानी कार्रवाई।
-चालानी कार्रवाई के बाद गाड़ी नंबर के जरिए घर पहुंचता है चालान।
-कई बार वीडियो व फोटोग्राफ में नंबर प्लेट रीड न होने पर आती है दिक्कत।

ये जिले हैं सबसे आगे
-देहरादून
-हरिद्वार
-उधमसिंहनगर
-नैनीताल।

ट्रैफिक वॉयलेशन में ये शिकायतें सबसे ज्यादा
-हेलमेट
-नो पार्किंग
-सीट बेल्ट
-ट्रिपल राइडिंग
-आड़ी-तिरछी व्हीकल खड़ा करना।

ट्रैफिक कंट्रोल पूरी तरह होगा डिजिटल
ट्रैफिक डायरेक्टर मुख्तार मोहसिन ने बताया कि उत्तराखंड ट्रैफिक आई एप को बढ़ावा देने व अवेयरनेस के लिए प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा ट्रैफिक वॉयलेशन को पूरी तरह डिजिटल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे पुलिस फोर्स का यूज अन्य कार्यों में हो सके। डिजिटल के तहत एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉगनाइज) व स्पीड रडार से भी ट्रैफिक वॉयलेशन को कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए राजधानी में 49 चौराहों पर स्मार्ट सिटी की मदद से एएनपीआर कैमरे, स्पीड रडार पर रिहर्सल जारी है।