विशेष सत्र के पहले ही दिन सरकार का एजेंडा पूरा

-विनियोग विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद सरकार को मिला खर्च करने का अधिकार

देहरादून, उत्तराखंड विधानसभा में गुरुवार को चालू वित्तीय वर्ष के एक अगस्त से 31 मार्च 2017 तक की अवशेष अवधि के लिए 26779 करोड़ 77 लाख 28 हजार के विनियोग विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी। इसी के साथ चालू वित्तीय वर्ष के लिए सरकार को प्लान व नॉन प्लान मदों में खर्च करने का अधिकार भी मिल गया।

बॉक्स

सरकार के सामने चुनौती

जिस बजट के लिए सीएम हरीश रावत तरह-तरह की दुहाइयां दे रहे थे और उसे केंद्र के बक्से में कैद हुआ कह रहे थे वो उन्हें मिल गया है। अब सबसे बड़ी चुनौती है कि उसे किस तरह खर्च किया जाए। बजट के नाम पर बार-बार केंद्र को कोसने का बहाना अब नहीं है। साल चुनावी है। चार महीने निकल चुके हैं और अब सिर्फ हाथ में पांच महीने बचे हैं। अगले साल के पहले तीन महीनों में आचार संहिता लग जाएगी। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, समाज कल्याण, गांव-गाड़-गदेरे, राजधानी गैरसैंण आदि जैसे बड़े बड़े वादे पूरे करने के लिए वक्त ज्यादा नहीं है।

बॉक्स

::विनियोग विधेयक पर एक नजर:::

-बीती 18 मार्च को सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 40422 करोड़ 21 लाख 13 हजार रुपए के विनियोग को सदन पर रखा था।

-विपक्ष ने मत विभाजन की मांग की थी।

-स्पीकर ने ध्वनिमत के आधार पर बजट पारित कर घोषित कर दिया था।

-इसी दौरान सत्ता पक्ष के एक मंत्री सहित नौ विधायक विपक्ष के साथ खड़े हो गए और विनियोग विधेयक का विरोध करने लगे।

-अध्यक्ष ने तब सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी थी।

-गुरुवार को लंच के बाद सदन की कार्यवाही शुरु हुई।

- वित्त मंत्री डॉ। इंदिरा हृदयेश ने उत्तराखंड विनियोग विधेयक 2016 की मंजूर के लिए सदन पटल पर रखा।

-कहा, अनुच्छेद 203 के अंतर्गत बीते 11 मार्च को वर्ष 2016-17 के लिए राज्य का वार्षिक वित्तीय विवरण सदन पर रखा गया था।

- 17 व 18 मार्च 2016 के बीच पारित भी किया गया।

- 27 मार्च को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।

- पारित विनियोग विधेयक 2016 को अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेजा गया।

-लेकिन राज्यपाल की तरफ से राष्ट्रपति के विचार के लिए केंद्र सरकार को संदर्भित कर दिया।

-18 मार्च को पारित विनियोग विधेयक पर अब तक अनुमति प्राप्त नहीं हो सकी है।

- इस संबंध में राज्यपाल व भारत सरकार से अनुरोध भी किया गया था।

-राष्ट्रपति शासन के दौरान उत्तराखंड विनियोग (लेखानुदान अध्यादेश 2016)

13642 करोड़ 43 लाख 85 हजार के लिए प्रख्यापित किया गया, जो बाद में अधिनियमित भी कर दिया गया।

-11 मई 2016 को राष्ट्रपति शासन समाप्त हो गया।

-हाई कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। विषय विचाराधीन है।

-लेखानुदान केवल चार महीने आगामी 31 जुलाई के लिए पारित था।

-अब सरकार ने पारित विनियोग विधेयक पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना 13642 करोड़ 43 लाख 85 हजार के लेखानुदान को समायोजित करते हुए चालू वित्तीय वर्ष के शेष भाग के लिए 26779 करोड़ 77 लाख 28 हजार का पारित किया है।

-गुरुवार को बीजेपी के वॉकआउट के बीच वित्तीय वर्ष के लिए लेखानुदान की धनराशि सहित कुल 40422 करोड़ 21 लाख 13 हजार के बजट को मंजूरी मिली।

बॉक्स

::विभागवार बजट पर नजर::

(धनराशि हजार में)

-न्याय प्रशासन---2217610

-निर्वाचन--658680

-राजस्व एवं सामान्य प्रशासन--26661744

-आबकारी--239211

-लोक सेवा आयोग--312950

-पुलिस एवं खेल--15758783

-शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण--64207380

-चिकित्सा परिवार कल्याण--17641562

-जलापूर्ति,आवास एवं नगर विकास--10830869

-कल्याण योजनाएं--14613282

-श्रम व रोजगार--2140274

-कृषि एवं अनुसंधान--8277130

-सहकारिता--479191

-ग्राम्य विकास--11128161

-सिंचाई एवं बाढ़--4616546

-ऊर्जा--256612

-पीडब्ल्यूडी--6989991

-उद्योग--2094816

-परिवहन--641611

-खाद्य--3472658

-पर्यटन--585503

-वन--6463835

वर्जन

राज्य के विकास में जो बाधाएं आ रही थीं अब उन्हें दूर किया जाएगा। 6 माह के नुकसान की भरपाई का प्रयास किया जाएगा। जो गड़बड़ करना चाहते थे, वह एक सीमा तक सफल हुए, लेकिन अब किसी पर दोषारोपण नहीं करूंगा। यह बजट आगे के लिए नीति निर्धारण का कार्य करेगा।

हरीश रावत, मुख्यमंत्री