आईएएस आरके सिंह का मामला

सीएम ने कहा-जिसने सेवाएं न दी हों, उसे अहम जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती

-अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने मांग ली थी आरटीआई में सूचनाएं

-एक दिन की योगदान आख्या को मंजूर कर लेने से नाराज हैं आईएएस अफसर

DEHRADUN: उत्तराखंड का होकर भी यहां के लिए पराए आईएएस अफसर आरके सिंह की एक दिन की योगदान आख्या को भले ही सरकार ने मंजूर कर लिया हो, लेकिन विरोध में नौकरशाहों की लांबिंग से सरकार सहम गई है। सीएम हरीश रावत ने कहा है कि जिसने सेवाएं न दी हों, उसे अहम जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती।

छिड़ा हुआ है अफसरों में घमासान

क्98ब् बैच के आईएएस अफसर आरके सिंह के बहाने इस समय उत्तराखंड की नौकरशाही में घमासान छिड़ा हुआ है। उत्तराखंड कैडर के आईएएस अफसर आरके सिंह ने यहां पर केवल एक दिन ही सेवा दी है। क्7 जुलाई, ख्00क् को उत्तराखंड कैडर में ज्वाइनिंग देने के बाद वे लंबी छुट्टी पर चले गए थे। इससे पहले भी वह अध्ययन अवकाश पर लंबी छुट्टी पर रहे थे। सेवा में निरंतरता साबित करने के लिए उन्होंने एक दिन की उत्तराखंड में योगदान आख्या पेश की थी। इसे राज्य सरकार ने मंजूर कर लिया है।

नौकरशाहों ने खोला है मोर्चा

आरके सिंह की योगदान आख्या को सरकार की मंजूरी को सीएस पद की कुर्सी के लिए जोड़ तोड़ के साथ अटैच करके देखा जा रहा है। उत्तराखंड के मौजूदा सीएस शत्रुघ्न सिंह का दिसंबर में रिटायरमेंट है। मुख्य सचिव स्तर के तीन अफसरों की इसके लिए दावेदारी है। इसमें से प्रतिनियुक्ति पर तैनात उत्पल कुमार सिंह राज्य में लंबी सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा, एस रामास्वामी और रणवीर सिंह अब भी राज्य में अपर मुख्य सचिव बतौर काम कर रहे हैं। आरके सिंह के आने की स्थिति में सीएस पद के लिए मुकाबला और कड़ा हो जाता। इसी डर ने नौकरशाहों को मोर्चा खोलने पर मजबूर किया।

रामास्वामी ने लगाई है आरटीआई

-अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने आरके सिंह से संबंधित मामले में आरटीआई लगाई है। इसे सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार के तौर पर देखा जा रहा है। वैसे, सरकार पर इसका असर दिखने लगा है। सीएम हरीश रावत के ताजा बयान से ऐसे ही संकेत मिले हैं। सीएम का कहना है कि एक दिन की सेवा देने वाले को अहम जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती। हालांकि नौकरशाह इस बयान के बावजूद अभी मुतमईन नजर नहीं आ रहे हैं।