-69 हजार रुपए के नकली नोट के साथ हुई अरेस्टिंग

-पाकिस्तान, बांग्लादेश व नेपाल से जुड़े हैं आरोपी के तार

-बिहार के पूर्वी चंपारण व भागलपुर से लाता था फेक करेंसी

-फेक करेंसी के नए रूट ने किया खुफिया एजेंसियों को परेशान

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DEHRADUN : देश में बड़े पैमाने पर नकली नोट संचालित करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के एजेंट को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया। उसके पास से म्9 हजार रुपए की फेक करेंसी बरामद हुई, जिसमें क्फ्8 नोट भ्00 रुपए के थे। पकड़ा गया नकली नोटों का सौदागर उत्तर-प्रदेश के जनपद गाजियाबाद का रहने वाला है। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स के अलावा खुफिया एजेंसियां भी आरोपी से पूछताछ करने में जुटी हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान फेक करेंसी की खेप पकड़े जाने के बाद सभी के होश उड़े हुए हैं।

अहम है एसटीएफ की कामयाबी

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसएसपी एसटीएफ सैंथिल अबुदाई कृष्णराज एस। ने बताया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एसटीएफ पूरे राज्य में हर तरह की संदिग्ध गतिविधि पर नजर रख रही है। इसी बीच फ्राइडे मॉर्निग सूचना मिली कि एक व्यक्ति नकली नोट के साथ आइएसबीटी पर उतरकर सिटी में प्रवेश कर चुका है। एसटीएफ तत्काल उसकी खोजबीन में जुट गई। इस दौरान सटीक सूचना पर शख्स को इस्ट रेस्ट कैंप एरिया में धर दबोचा गया। तलाशी में उसके पास से पांच-पांच सौ रुपए के क्फ्8 नोट यानी कुल म्9 हजार रुपए मिले।

गाजियाबाद निवासी है आरोपी

एसएसपी एसटीएफ ने बताया पकड़े गए व्यक्ति का नाम यासीन अंसारी सलमानी निवासी पुत्र शब्बीर सलमानी निवासी ग्राम कल्छीना थाना-भोजपुर, जिला गाजियाबाद है। बताया गया कि वह अंतरराज्यीय गिरोह का सदस्य है और वह करीब चार वर्ष से इस काम को देश के अलग-अलग हिस्से में अंजाम देता आ रहा था। एसटीएफ के सामने उसने अपने गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों के नाम भी उगले हैं जिनकी तलाश में स्पेशल टास्क फोर्स जुट गई है। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है और माना जा रहा है कि एसटीएफ के हाथ इस खेल से जुड़ी कुछ और जानकारी लगेगी।

बिहार व लखीमपुर से लाता था फेक करेंसी

गिरफ्त में आए आरोपी ने एसटीएफ को बताया कि वह बिहार व लखीमपुर खीरी से नोटों की खेंप खरीदता था। पाकिस्तान मे बैठे नकली नोटों के मास्टर माइंड इसे बांग्लादेश मालदा के रास्ते बिहार भेजते हैं। जहां नकली नोट पूरे देश में एजेंट्स के जरिए सप्लाई किए जाते हैं। फेक करेंसी सप्लाई करने वाले नेपाल के वीरपुर से लखीमपुरी खीरी होकर बिहार के भागलपुर-चंपराण के रूट का इस्तेमाल करते हैं। यासीन उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब के जिलों में फेक करेंसी चलाता था। एसटीएफ की मानें तो वह पहली बार ही दून आया था और पकड़ा गया। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि आरोपी यासीन के दो साथी देहरादून में कोतवाली पुलिस ने बीते नंबर में गिरफ्तार किए थे। जिनसे ब्0 हजार के नकली नोट बरामद हुए थे। उस समय सुल्तानपुरी दिल्ली निवासी अमित और मुरादाबाद यूपी निवासी इरफान को गिरफ्तार किया गया था।

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कैश डिपाजिट मशीन का करते हैं यूज

फेक करेंसी के सौदागरों पर मार्केट के दुकानदार तो रहते ही हैं साथ ही वे कई बार बैंक्स में भी नकली नोट चलाते हैं। पांच सौ की गड्डी जमा कराते हैं तो उसमें पंद्रह-बीस नोट नकली डाल देते हैं। कुछ दिन बाद वे पूरी रकम निकाल लेते थे। जब तक बैंक को इसका पता लग पाता वे काफी दूर निकल जाते थे। लोगों के सहूलियत के लिए लगाई गई कैश डिपाजिट मशीन ने इनके काम को और आसान बना दिया। आरोपी किसी खाते में कैश जमा कराते वक्त मशीन में नकली नोट जमा कर देते हैं। फिलहाल बैंक के पास फेक करेंसी के धंधेबाजों के इस शातिर कारनामे का कोई हल नहीं है।

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पकड़ी गई फेक करेंसी

-7 नवंबर ख्0क्ख् को देहरादून में तीन आरोपी गिरफ्तार क्9,800 के नकली नोट बरामद

- क्7 अगस्त ख्0क्फ् को खटीमा ने एसटीएफ ने म्7,फ्00 के नकली नोट के साथ दो को गिरफ्तार किया

-नवंबर माह में पुलिस ने ब्0 हजार के नकली नोट के साथ दो आरोपियों को पकड़ा

-क्क् अप्रैल को राजधानी दून में एक आरोपी को गिरफ्त में लेने के साथ एसटीएफ ने म्9 हजार रुपए बरामद किए।

'एसटीएफ हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रख रही है। कैश ट्रांजिक्शन, बाहर से आने वाले संदिग्ध का पूरा खाका तैयार किया जा रहा है। फेक करेंसी को लेकर विशेष सर्तकर्ता बरती जा रही है.'

-अबुदई सैंथिल, एसएसपी एसटीएफ