ग्रीन कार्ड मिलने के बाद ही जायेंगे कॉमर्शियल व्हीकल चारधाम यात्रा पर

-देहरादून और ऋषिकेश आरटीओ कार्यालय से बनने शुरू हुए ग्रीन कार्ड

-9 मई से शुरू हो रही है इस बार चारधाम यात्रा

DEHRADUN: चारधाम यात्रा पर जाने वाले कॉमर्शियल वाहन चालकों को देहरादून से ग्रीन सिग्नल मिलेगा। 9 मई से इस बार चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। दून के संभागीय परिवहन कार्यालय से ग्रीन कार्ड बनाए जाने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों से आने वाले वाहन चालकों को भी ग्रीन कार्ड बनवाना अनिवार्य है। बगैर ग्रीन कार्ड कोई भी कॉमर्शियल वाहन चालक अगर यात्रा पर जाता है, तो चेक पोस्ट पर पकड़े जाने की स्थिति में उसे न केवल वापस लौटना पड़ेगा। बल्कि साथ ही उस पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जाएगी। इस बार खास बात यह है कि सभी जिलों के एआरटीओ ऑफिस से यह ग्रीन कार्ड बनाए जाएंगे। हालांकि विशेष रूप से ग्रीन कार्ड बनाने वालों की संख्या देहरादून, ऋषिकेश एआरटीओ ऑफिस से अधिक भीड़ जुटने की उम्मीद है।

क्या है ग्रीन कार्ड

ग्रीन कार्ड एक तरह से चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्री वाहनों के लिए ग्रीन सिग्नल है। इसके तहत आरटीओ में आरआई द्वारा वाहन के सभी डॉक्यूमेंट आरसी, इंश्योंरेंस, परमिट, प्रदूषण प्रमाण पत्र, टैक्स, फिटेनस जबकि ड्राइवर का डीएल, वर्दी आदि डॉक्यूमेंट की जांच होती है। इसके बाद ही उसे यात्रा में जाने के लिए वैलिड माना जाता है। इसके तहत उसे एक सर्टिफिकेट दिए जाता है। यही ग्रीन कार्ड कहलाता है।

ख्00 से ब्00 रुपए तक होगी फीस

ग्रीन कार्ड बनवाने के लिए लाइट व्हीकल के लिए ख्00 रुपए, मीडियम व्हीकल के लिए फ्00 रुपए और हैवी व्हीकल के लिए ब्00 रुपए की फीस संभागीय परिवहन कार्यालय में जमा करनी होती है। जिसकी वैधता सिर्फ दो महीने की होती है। जबकि राज्य के बाहर से आने वाले वाहनों के लिए फीस की प्रक्रिया यही होगी। जबकि यात्रा के दौरान ग्रीन कार्ड की वैधता सिर्फ क्भ् दिन होगी।

विगत वर्षो में इस तरह बने ग्रीन कार्ड

चारधाम यात्रा के दौरान ग्रीन कार्ड बनवाने वालों की संख्या वर्ष ख्0क्ख् में क्ख्भ्भ्9 के करीब थी। जबकि वर्ष ख्0क्फ् में आपदा से पहले क्क्ख्भ्8 के करीब थी। लेकिन इसके बाद क्भ् जून के बाद चारधाम यात्रा पर मानो ग्रहण लग गया। क्योंकि केदारनाथ व दूसरे धामों के मार्ग में इस कदर जल त्रासदी देखने को मिली। जिससे पूरा जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। इसीलिए वर्ष ख्0क्ब् में महज फ्09म् के करीब ही लोग ग्रीन कार्ड ले पाए। इसके बाद वर्ष ख्0क्भ् में कुछ हद तक आपदा का जख्म भर पाया। अकेले देहरादून आरटीओ कार्यालय से ब्99 लोगों ने ग्रीन कार्ड बनवाया था।

देहरादून और ऋषिकेश कार्यालय से ग्रीन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ग्रीन कार्ड लेने से पहले वाहन की पूरी फिटनेस की जांच होगी। साथ ही वाहन स्वामी और चालक को वाहन के सभी डॉक्यूमेंट्स का वैरिफिकेशन कराना होगा। तभी ग्रीन कार्ड मिल पाएगा।

-सुधांशु गर्ग, आरटीओ देहरादून