अंतिम फैसला पीएमओ पर

सूत्रों के मुताबिक मामले पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय को करना है जो रक्षा मंत्रालय की ओर से भेजे गए नामों के पैनल से चयन कर मुहर लगाएगा. रक्षा मंत्रालय ने धोवान के नाम की सिफारिश की है. गत 26 फरवरी को सिंधुरत्न हादसे के बाद नौसेनाध्यक्ष पद से एडमिरल डीके जोशी के इस्तीफे के बाद से धोवान ही कार्यवाहक नौसेना प्रमुख भी हैं.

सिनियर मोस्ट ऑफिसर

धोवान के नाम पर मुहर लगती है तो सरकार को वरिष्ठता में क्रम में उनसे आगे वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा के दावे को दरकिनार करना होगा. वर्तमान में नौसेना की पश्चिमी कमान के प्रमुख सिन्हा सिनियर मोस्ट नेवी ऑफिसर हैं. माना जा रहा है कि बीते कुछ महीनों के दौरान उनकी कमान में हुए सिंधुरक्षक व सिंधुरत्न जैसे पनडुब्बी हादसों के मद्देनजर उनकी वरिष्ठता को दरकिनार किया जा सकता है.

जिम्मेदारी लेते हुए दिया इस्तिफा

इन दो पनडुब्बी दुर्घटनाओं में नौसेना को अपने पांच अधिकारियों समेत 20 नौसैनिक गंवाने पड़े. एडमिरल जोशी ने भी पनडुब्बी दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए ही इस्तीफा दिया था. नए नौसेना प्रमुख के चयन के लिए बीते कई हफ्तों से कवायद चल रही थी. इसी क्रम में वाइस एडमिरल सिन्हा और धोवान समेत पांच वरिष्ठ अधिकारियों के नामों पर विचार के बाद रक्षा मंत्रालय ने फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय भेजी है. प्रधानमंत्री की मुहर लगते ही राष्ट्रपति से परामर्श के बाद नए नौसेनाध्यक्ष के नाम का एलान होगा.

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