जहानाबाद/नई दिल्ली (एएनआई)। बिहार पुलिस ने कहा है कि वह शाहीन बाग प्रोटेस्ट का संयोजक शर्जील ईमाम मामले में एजेंसियों का पूरा सहयोग कर रही है। ध्यान रहे कि शर्जील ने भारत से असम को अलग करने संबंधी विवादित बयान दिया था। इधर दिल्ली पुलिस ने शर्जील के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया है। जहानाबाद के एसपी ने कहा कि एजेंसियों ने इस मामले में बिहार पुलिस से मदद मांगी हैं। विवादित बयान को लेकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और जो भी कार्रवाई होगी यहां की पुलिस पूरा सहयोग करेगी।

दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस ने दर्ज किया केस
शाहीन बाग के संयोजक शर्जील ईमाम ने भारत से असम को अलग करने संबंधी एक विवादित बयान दिया था। इसका वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वह जहानाबाद का रहने वाला है। उसके खिलाफ देशद्रोह, दो समुदायों के बीच घृणा फैलाने सहित आईपीसी की धारा 124ए, 153ए और 505 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 16 जनवरी को दिए उसके विवादित बयान को संज्ञान में लेकर मुकदमा दर्ज किया है। ये बातें उसने यूनिवर्सिटी में सीएए और एनआरसी को लेकर प्रर्दशन के दौरान कही थी। असम पुलिस ने भी शनिवार को ईमाम के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। ईमाम पर आरोप है कि उसने लोगों को भारत से असम को काटने के लिए उकसाया था।

असम को भारत से अलग करने को उकसाया
शाहीन बाग प्रोटेस्ट के मुख्य संयोजक ईमाम के बयानों वाले कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वीडियो में उसे यह सब कहते हुए सुना जा सकता है, 'यदि हम सब साथ आ जाएं, तो हम नार्थईस्ट को भारत से अलग कर सकते हैं। यदि हम इसे हमेशा के लिए अलग नहीं कर सकते तो कम से कम एक से दो महीने के लिए तो ऐसा कर ही सकते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम असम को भारत से अलग कर दें। जब तक ऐसा नहीं होगा सरकार हमारी बात नहीं सुनने वाली।'

भड़काऊ भाषणों की जांच के लिए एसआईटी गठित
दिल्ली पुलिस का कहना है कि शर्जील ईमाम बिहार का स्थाई निवासी है। वह जेएनयू का पूर्व छात्र है। उसने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों में भड़काऊ भाषण दिए हैं। उसने 13 दिसंबर को जामिया में भी भाषण दिए थे। सरकार के खिलाफ दिए उसके भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पुलिस ने कहा कि इन भाषणों से विभिन्न धार्मिक समुायों के बीच सौहार्द, देश की एकता और अखंडता को ठेस पहुंचता है। उसके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है।

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