ऐसी है जानकारी
गौरतलब है कि इस पूरी प्रक्रिया में 22 साल का लंबा वक्त गुजर गया। ज्ञात हो कि 27 जुलाई 2007 को टाडा कोर्ट ने याकूब मेमन को आपराधिक साजिश का दोषी पाया था। उसको दोषी करार देते हुए कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। टाडा कोर्ट से सजा मिलने के बाद मेमन ने मुंबई हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति तक के पास माफी की अपील की। इस अपील को हर जगह से खारिज कर दिया गया। याकूब के बारे में बता दें कि वह पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट था। याकूब के वकीलों की दलील थी कि वह सिर्फ धमाकों की साजिश में शामिल था न कि धमाकों को अंजाम देने में। मामले में विशेष टाडा अदालत ने 10 अन्य दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उसे उम्रकैद में बदल दिया।  

धमाके में मारे गए थे 257 लोग
बताया जा रहा है कि 30 जुलाई को सुबह 7 बजे नागपुर सेंट्रल जेल में याकूब को फांसी दे दी जाएगी। फांसी की तारीख और समय के बारे में याकूब के परिवार को सूचना दे दी गई है। गौरतलब है कि टाडा कोर्ट ने 27 जुलाई 2007 को फांसी की सजा सुनाई थी। याद दिला दें कि 1993 में मुंबई में हुए बम धमाके में करीब 257 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इनके अलावा 713 अन्य लोग घायल हो गए थे।

सबको दे दी गई है जानकारी
सूत्रों से मिली जानकारी पर गौर करें तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से याकूब की फांसी की तारीख और वक्त को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। कोर्ट और नागपुर प्रशासन को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। कानून के अनुसार किसी भी अपराधी को फांसी से 15 दिन पहले उसके परिवार को जानकारी देनी जरूरी है। जेल में याकूब के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी रखी जा रही है। उस पर किसी तरह का शारीरिक या मानसिक दबाव नहीं है। यही नहीं उसने खुद अपने वकील से मिलने से भी इनकार कर दिया है।

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