- राजस्थान के जगदीश ने नाम किया करियर का पहला मेडल

- मेघालय के मुकेश ने इंडिविजुअल में जीता सिल्वर

Meerut : हमने देश ही नहीं बल्कि विश्व के सबसे बेहतरीन प्लेयर दीपिका कुमारी, रिमिल, बोम्बायला, राहुल बनर्जी, जयंत तालुकदार, मंगल सिंह चंपिया और भी कई प्लेयर्स के बारे में बात की और उनके बारे में जाना। अब हम कुछ ऐसे प्लेयर्स के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्होंने अपने खेल और टैलेंट के बल बड़े-बड़े खिलाडि़यों को चौंकाते हुए मेडल जीता। ऐसे दो नार्थ ईस्ट और नार्थ वेस्ट इंडिया के दो खिलाडि़यों से आपकी मुलाकात कराते हैं।

जगदीश ने राहुल को हराया

मिक्स्ड टीम इवेंट के लिए ब्रॉन्ज मेडल के लिए मुकाबला चल रहा था। एक ओर रेलवे की टीम की ओर से राहुल बनर्जी और बोम्बायला थे। तो दूसरी ओर थी राजस्थान के 15 साल के जगदीश प्रसाद और सीमा सिहोरिया, लेकिन इन दोनों ही अंजाम चेहरे ने ओलंपियन प्लेयर्स को पछाड़ते हुए टीम को ब्रॉन्ज मेडल जिता दिया। हम बात करेंगे जगदीश की। जगदीश बताते हैं कि अब से छह महीने पहले तक वह इंडियन राउंड से खेलते थे। उन्होंने रिकर्व अभी हाल ही में शुरू किया है। बिकानेर से इस खिलाड़ी ने काफी बड़े खिलाड़ी को मात दी है। राजस्थान के कोच गजेंद्र शर्मा ने बताया कि जगदीश पहली बार सीनियर नेशनल में उतरा है और अपना पहला मेडल हासिल कर लिया। मैंने ही उसके फादर से कहा था। उन्होंने उधार रुपए लेकर इसे रिकर्व बो दिलाया। मुझे यकीन है कि वह जल्द ही बड़े मुकाबलों के लिए तैयार हो जाएगा।

मुकेश ने दिखाया दम

भले ही ओलंपिक राउंड में गोल्ड जयंत तालुकदार का रहा हो, लेकिन मेघालय के मुकेश तमांग ने बड़े-बड़े आर्चर्स को पीछे छोड़ते हुए अपनी चमक बिखेरी। सिल्वर मेडल अपने नाम किया। उन्होंने ओलंपियन राहुल बनर्जी, एशियन चैंपियनशिप के विनर विश्वास, तरुणदीप राय बिनोद स्वान्सी को पीछे छोड़ा। मुकेश तमांग ने बताया कि नेशनल सीनियर में उनका ये अब तक का सबसे बेस्ट परफॉर्मेस हैं। आर्मी में गोरखा राइफल में जॉब करने वाले मुकेश पुणे आर्मी स्पो‌र्ट्स इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग करते हैं। उन्होंने बताया कि मैं वर्ष 2011 में एशियन यूथ आर्चरी चैंपियनशिप में बांग्लादेश गया है। जहां उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने कहा मैं रिकर्व में देश को ओलंपिक रिप्रजेंट करना चाहता हूं। उन्होंने बताया कि मैं अगले साल ओलंपिक के लिए होने वाले ट्रायल में जरूर बाजी मारूंगा।