गोरखपुर (ब्यूरो)।पीएम के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं. इस दौरान उन्होंने गीता प्रेस पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री भी देखी. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह वक्त गुलामी की मानसिकता से निकलकर अपनी विरासत पर गर्व करने का है.

गांधीजी ने दिया सुझाव

पीएम ने कहा कि गीता प्रेस किसी मंदिर से कम नहीं है. इसके नाम में भी गीता है और काम में भी. गांधीजी को गीता प्रेस से बहुत लगाव था. उन्होंने ने ही यह सुझाव दिया कि कल्याण पत्रिका में विज्ञापन न छापें. प्रेस आज भी उनकी बातों का अनुसरण कर रहा है. गीता प्रेस जैस संस्था धर्म और कर्म ही नहीं बल्कि राष्ट्रीयता की पहचान है. गीता प्रेस भारत को जोड़ती है. गीता प्रेस पूरी मानवता को मार्गदर्शन कर रहा. गीता प्रेस एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करता है. मुझे खुशी है कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिया गया.

पहली बार आए प्रधानमंत्री

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज नए भारत में गौरवशाली आस्था और विरासत को पहचान मिली है. गीता प्रेस अपनी 100 वर्षों की गौरवशाली यात्रा को पूरा किया. यहां आज तक कोई पीएम नहीं आया. उसे पहली बार किसी पीएम ने सम्मान दिया. इन 100 वर्षों में गीता प्रेस ने कई उतार चढ़ाव देखे.

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