-सूत्रों के मुताबिक देर रात स्पीकर ने लिया फैसला

-फैसले से पहले सीएम हरीश रावत ने की घर पर स्पीकर से मुलाकात

देहरादून

सूबे की हरीश रावत सरकार से बगावत करने वाले कांग्रेस के सभी 9 विधायकों की सदस्यता स्पीकर ने खत्म कर दी है। सूत्रों के हवाले से ये खबर है कि स्पीकर ने ये फैसला देर रात लिया। इससे पहले सीएम हरीश रावत स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल से उनके आवास पर मिले।

कौन कौन हैं वो नौ

कांग्रेस के बागी नौ विधायक थे। इनमें विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, अमृता रावत, शैलारानी, कुंवर प्रणव चैंपियन, उमेश शर्मा काऊ, शैलेंद्र मोहन सिंघल, प्रदीप बत्रा शामिल हैं।

ऐसी टाइमिंग क्यों

शनिवार को दिनभर कयासों का दौर चलता रहा। सियासी गलियारों में यही चर्चा थी कि शनिवार को ही स्पीकर फैसला सुना सकते हैं। आखिर हुआ भी यही। हालांकि करीब साढ़े नौ बजे रात तक स्पीकर विधानसभा में बैठे रहे और निकलते हुए उन्होंने मीडियावालों से यही कहा कि बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला नहीं किया गया है। ऐसे में अब यही कहा जा रहा है कि देर रात फैसला 28 मार्च की वोटिंग को प्रभावित करेगा। आज रविवार है और कोर्ट की छुट्टी है। ऐसे में ये बागी कोर्ट भी नहीं जा पाएंगे और कल यानि सोमवार को सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो जाएगी। जब तक विधायक सोमवार को कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे तब तक सरकार बहुमत साबित कर देगी।

ढाई घंटे चली जिरह

शनिवार को कांग्रेस के बागियों की पैरवी के लिए विधायक सुबोध उनियाल 6 वकीलों की टीम लेकर विधानसभा में स्पीकर से मिलने पहुंचे थे। इन्होंने बागी विधायकों की तरफ से स्पीकर को जवाब दिया। शनिवार शाम तकरीबन ढाई घंटे तक जिरह चली। स्पीकर ने उन्हें आज यानि रविवार को सुबह नौ बजे कुछ अभिलेख उपलब्ध कराने का भरोसा दिया, लेकिन इन अभिलेखों के मुआयने के बाद पैरोकारों और विधायकों को सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा। स्पीकर का कहना है कि सुनवाई पूरी हो चुकी है।

कल होगा शक्तिपरीक्षण

28 मार्च यानि कल सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करना है। 18 मार्च को विधानसभा में विनियोग बिल पारित कराने के मौके पर बीजेपी के साथ कांग्रेस के नौ विधायकों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसके बाद तमाम सियासी ड्रामे के बाद ये सभी विधायक राज्यपाल से मिले थे और बाद में बीजेपी विधायकों के साथ दिल्ली रवाना हो गए थे।