- अखाड़ा परिषद के नेतृत्व में अयोध्या जाएगा संतों का दल

HARIDWAR: अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतों में उत्साह है। संतों ने फैसले का स्वागत करते हुए सभी वर्गो से शांत और सद्भाव बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि कोर्ट ने अयोध्या मामले में सर्वोपरि समाधान निकाला है। यह न्याय की जीत है। दूसरी ओर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने को कहा गया है। इस ट्रस्ट में परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री को पदेन सदस्य बनाया जाए। हरिद्वार में मीडिया से बातचीत में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि यह किसी पक्ष की नहीं, बल्कि न्याय की जीत है। उन्होंने कहा कि जल्द ही संतों का एक दल अखाड़ा परिषद के नेतृत्व में अयोध्या जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष को चाहिए कि वे काशी और मथुरा में चल रहे विवादों का हल करे और हिंदुओं की आस्था का मान रखते हुए दोनों जगह की भूमि हिंदू पक्ष को सौंप दे।

राम साक्षात धर्म विग्रह हैं। अत: हम परस्पर प्रीति एवं एकात्मता के दिव्य भाव में स्थिर रहें। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से संत अभिभूत हैं.'

- स्वामी अवधेशानंद महामंडलेश्वर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा

फैसला ऐतिहासिक है और सुप्रीम कोर्ट ने सभी की भावनाओं का सम्मान किया है, हम सभी को इस फैसले का सम्मान करना चाहिए। देश की एकता-अखंडता के लिए सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना चाहिए.'

डॉ। प्रणव पंड्या, गायत्री तीर्थ शांतिकुंज

फैसले को किसी की हार-जीत नहीं, राष्ट्रीयता और सांस्कृतिक सद्भाव के नजरिए से देखना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इससे किसी को ठेस न पहुंचे.'

आचार्य बालकृष्ण,

महामंत्री पतंजलि योगपीठ

सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। भारत की संस्कृति विश्व में शांति बनाए रखने की है और बिना राग द्वेष के एक साथ मिलकर फैसले का पूरे देश स्वागत कर रहा है।

भीमा शंकर लिंग, रावल, केदारनाथ

फैसले ने यह साबित कर दिया है कि संविधान ही देश की हर समस्या का समाधान है। समाधान और संविधान जब हम साथ लेकर चलेंगे तो देश में आस्था और व्यवस्था मजबूत होगी।

स्वामी चिदानंद सरस्वती

परमार्थ निकेतन ऋषिकेश