न केवल सोना बल्कि कुछ जानवर सपने भी देखते हैं. मनुष्यों ने जानवरों के दिमाग पर और सोने की प्रवृत्ति पर अब तक कम ही जानकारी जुटाई है.
पिछले दिनों कुछ विशेषज्ञों और फिल्ममेकरों ने मिलकर बीबीसी फोर के लिए एक डॉक्यूमेंट्री बनाई जिसका विषय ही जानवरों के सोने से जुड़ा हुआ था और इसमें जो जानकारियां निकल कर आईं वो अचंभित करने वाली थीं.
जंगलों में पाए जाने वाले जानवर स्लॉथ के बारे में आम धारणा है कि वो हमेशा सोता रहता है और इसी से शायद अंग्रेज़ी में स्लाथ का अर्थ आलसी से है.
लेकिन अब पता चला है कि स्लॉथ दिन में केवल नौ से दस घंटे ही सोते हैं.
ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले जानवर कोआला दिन में 14.5 घंटे आंखें बंद रखते हैं जबकि सबसे अधिक सोते हैं चमगादड़. जी हां. चमगादड़ दिन में 20 घंटे सोते हैं.
सबसे कम नींद लेने वाले जानवरों में वो जानवर हैं जो चरते हैं. इसमें भी सबसे कम सोने वाले हैं ज़िराफ और हाथी जो केवल तीन या चार घंटे सोते हैं एक दिन में.
शेर जैसे बड़े जानवर यूं तो दिखने में आलसी से लगते हैं और आम धारणा के अनुसार वो 20-22 घंटे सोते हैं जबकि ये सही नहीं है.
बिल्लियों की तर्ज पर शेर भी छोटी छोटी नींदे लेते हैं.
दक्षिण अफ्रीका में हुए शोध में पता चला है कि शेर दिन में केवल 14 घंटे ही सोते हैं.
व्हेल के सपने
जानवर सोते हैं और कई सोते में सपने भी देखते हैं. व्हेल मछली इन्हीं में से एक है.
जानवर जिसमें मनुष्य भी शामिल है उसकी नींद और सपने का पता आंखों की पुतलियों की गति से पता लगाया जा सकता है लेकिन व्हेल या किसी भी पानी में रहने वाले जीव की पुतलियां हमेशा गतिमान रहती हैं क्योंकि उन्हें पानी में रहना होता है.
सेंट एंड्रयूज़ यूनिवर्सिटी के डॉ पैट्रिक मिलर के नेतृत्व में एक दल ने व्हेल मछलियों के सोने पर शोध किया जिससे पता चला कि कुछ व्हेल अपना सर पानी से ऊपर रख कर आराम करते हैं और इस दौरान सोते हैं और सपने भी देखते हैं.
समुद्री पक्षियों की नींद
एक और अवधारणा है कि समुद्री पक्षी अल्बटरॉस अपनी लंबी दूरी की उड़ानों में सो जाते हैं.
ये पक्षी समुद्री के ऊपर घंटों उड़ते रह सकते हैं.
हाल में किए गए शोध के मुताबिक ये पक्षी अपने पंखों की खास बनावट की वजह से घंटों हवा में रह सकते हैं लेकिन ऐसे में सोना संभव नहीं है.
पक्षी विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रहे मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के डॉ नील्स रैटनबर्ग कहते हैं, ‘’ आसमान में लंबे समय तक उड़ते रहने में नींद की संभावना कम होती है बनिस्पत पानी के नज़दीक उड़ने में. शायद तभी रात के समय ये पक्षी पानी के नज़दीक घंटो उड़ते रहते हैं.’’
कुछ और शोधों के अनुसार ये पक्षी अपनी उड़ान के दौरान बिल्कुल नहीं सोते हैं
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