कम एक्सपीरियंस वाले टीचर्स से मूल्यांकन कराने से त्रूटिपूर्ण रिजल्ट आने की आशंका

PATNA: इस बार फिर बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड को फजीहत का सामना करना पड़ सकता है। पिछले साल ही इंटर रिजल्ट में गड़बडि़यों के कारण स्टूडेंट ने खूब हंगामा किया था। गलत मूल्यांकन के कारण कई स्टूडेंट फेल हो गए थे और सही जगह में उनका एडमिशन नहीं हो पाया था। एक बार फिर जून महीने में ऐसा ही होने की संभावना है।

अनुभवहीन जांच रहे कॉपी

नियोजित शिक्षकों की हड़ताल के कारण मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन का काम समय से शुरू नहीं हो सका। कुछ नियोजित शिक्षक संगठनों, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ के हड़ताल से वापस लौटने के बाद मूल्यांकन काम शुरू किया गया है। मूल्यांकन तो हो रहा है, लेकिन नियमों को ताख पर रख दिया गया है। जानकारों की मानें, तो यह बोर्ड का रूल है कि मूल्यांकन के कार्य में उन्हीं शिक्षकों को लगाया जा सकता है, जिनके पास कम से कम तीन साल का शिक्षण का अनुभव हो। ऐसे नियम इसलिए बनाये गये थे कि इन तीन साल मे अध्यापन कराते हुए शिक्षकों के विषय को लेकर समझ बेहतर हो जाती हैं, पर इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश दिया है कि वैसे शिक्षक जो साल भर पहले भी ज्वाइन किए हैं, उन्हें मूल्यांकन कार्य में लगाया जा सकता है। इसके बाद ऐसे शिक्षकों की संख्या अधिक हो गयी है, जो पहली बार कॉपी जांच रहे हैं।

मूल्यांकन को मिल नहीं रहे टीचर्स

कहने को तो हड़ताल समाप्त हो गई है, लेकिन अब भी कई केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में वीक्षक अपना योगदान नहीं दे सके हैं। सूत्रों की मानें तो जिले के लगभग बीस प्रतिशत माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों ने योगदान करने से मना कर दिया है। ऐसी स्थिति मे कई केंद्रों पर वैसे भी शिक्षक कॉपियों की जांच में लगे हैं, जिन्हें ज्वाइन किए हुए साल भर भी नहीं हुए हैं। डीईओ को लिखे लेटर में खुद शिक्षा विभाग ने स्वीकारा है कि मूल्यांकन केंद्रों पर वीक्षकों का घोर अभाव है और ऐसे में एक साल अध्यापन का अनुभव रखने वालों से मूल्यांकन कराया जा सकता है। अब ऐसी स्थिति में त्रूटिपूर्ण मूल्यांकन की पूरी संभावना बनती है।

इमरजेंसी में ऐसा निर्णय लिया गया है। पर्याप्त आर्हता वाले शिक्षक के नहीं मिलने कारण कम अनुभव वाले शिक्षकों को मूल्यांकन में लगाया गया है। मूल्यांकन कार्य पर नजर रखी जा रही है। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होगी।

लालकेश्वर प्रसाद सिंह, चेयरमैन, बीएसईबी

मूल्यांकन केंद्रों की स्थिति तो अराजक है। शिक्षा विभाग कहता है कि हड़ताल खत्म हो गई है और बोर्ड को शिक्षक ही नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में कम अनुभव वाले शिक्षकों से कॉपियों की जांच करना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इस बार भी रिजल्ट में बड़े पैमाने पर गड़बडि़यां होगी।

नवीन कुमार नवीन, उपाध्यक्ष, नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ