पटना (ब्यूरो)। दिल्ली व बिहार में बढ़ते प्रदूषण के कारण खासकर वायु प्रदूषण से कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ा है। महावीर कैंसर संस्थान के शोध विभाग द्वारा गुरुवार को पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं कैंसर विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में ये बातें विशेषज्ञों ने कहीं। इसका उद्घाटन आरएमआरआइ के निदेशक डा। कृष्णा पांडेय, महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल, संस्थान के प्रशासनिक निदेशक डा। विश्वजीत सन्याल, चिकित्सा निदेशक डा। मनीषा ङ्क्षसह, चिकित्सा अधीक्षक डा। एलबी ङ्क्षसह, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा। राजवर्धन आजाद व संस्थान के रिसर्च विभागाध्यक्ष प्रो। अशोक घोष ने किया।

इसमें संस्थान की रेडियोथेरेपी की विभागाध्यक्ष सह एसोसिएट निदेशक डा। विनीता त्रिवेदी, डा। नवीन कुमार, डा। अंजली, डा। अतुल आदित्य पांडेय, डा। राजीव रंजन शुक्ला, डा। नुपूर बोस, डा। अभिनव, डा। मोहम्मद अली, डा। अरुण कुमार, डा। स्नेहा, प्रभात कुमार, कन्हैया कुमार, ङ्क्षपटू कुमार, नीरज, मुकेश कुमार समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों व शोध संस्थानों के 200 से अधिक वैज्ञानिक-व्याख्याता व चिकित्सकों ने भाग लिया। इनमें से 30 शोधार्थियों ने पोस्टर के माध्यम से अपने शोधकार्यों को प्रस्तुत किया।
चारो ओर कैंसर कारक, बरतें सावधानी :
डा। कृष्णा पांडेय ने कहा कि वायु प्रदूषण, जल में आर्सेनिक की मात्रा, सिगरेट-शराब व तंबाकू, हेपेटाइटिस बी-सी आदि सभी कैंसर के कारक हैं और हमारे चारो ओर हैं। ऐसे में वजन नियंत्रित रखने के लिए नियमित व्यायाम करने के साथ लिवर-गट कैंसर का कारण बन रहे रेट मीट आदि का सेवन कम कर शाकाहार को अपनाना चाहिए। हेपेटाइटिस बी-सी से लिवर कैंसर नहीं हो इसलिए इसकी वैक्सीन और बच्चियों को सर्विक्स कैंसर से बचाने के लिए ह्यूमन पैपिलोमा वैक्सीन दिलानी चाहिए। पेयजल में आर्सेनिक जांच कराएं ताकि गाल ब्लाडर कैंसर का खतरा कम हो।

वहीं श्रीलंका के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो। मेथिथिका विथानगे किडनी फेल्योर पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया। डा। घोष ने स्वागत भाषण में वायु व जल प्रदूषण व उसके नुकसानों पर प्रकाश डाला। महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि फुलवारीशरीफ में बच्चों के लिए कैंसर अस्पताल का उद्घाटन अगले स्थापना दिवस 12 दिसंबर 2024 को किया जाएगा। डा। राजवर्धन आजाद ने विभिन्न पर्यावरणीय घटकों के कैंसर खतरा बढ़ाने की जानकारी देते हुए लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया। डा। विश्वजीत सन्याल ने कैंसर रोकथाम एवं निदान में आणविक विज्ञान व चिकित्सा निदेशक डा। मनीषा ङ्क्षसह ने एंडोमेट्रियल एवं सर्वाइकल कैंसर, विभिन्न प्रकार की इम्यूनोथेरेपी-कीमोथेरेपी का महत्व बताया। डा। एलबी ङ्क्षसह ने कहा कि फरवरी से ग्रामीण क्षेत्रों में कैंसर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा।