पटना (ब्यूरो)। मॉर्डन लाइफ स्टाइल और तकनीक के साथ आगे बढऩे में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का बड़ा योगदान है। इसकी उपयोगिता और इसके तकनीकी ट्रेंड में लगातार इजाफा हो रहा है। स्टूडेंट्स को इसके हर पहलू को समझने और एक्सप्लोर करने की जरूरत है। ये बातें एनआईटी पटना में वर्चुअल मोड में आयोजित 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: थ्योरी एंड एप्लीकेशन (एआईटीए 2021) विषय पर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के आयोजन के मौके पर कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ बीसी सहाना ने कही। आयोजन अध्यक्ष डॉ आरके मिश्रा, डॉ बीसी सहाना और आयोजन सचिव डॉ संगीता सिंह और डॉ सुबोध श्रीवास्तव ने एआईटीए 2021 के महत्व पर प्रकाश डाला। इस वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर देश-विदेश के तमाम सब्जेक्ट एक्सपर्ट, प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर और स्टूडेंट्स जुड़े रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनआईटी पटना के डायरेक्टर प्रो। पीके जैन ने की।


एआई के पहलुओं पर चर्चा
पहले दिन के कार्यक्रम के अंत में आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि इस कार्यक्रम का उदेश्य न केवल इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलाजी के अंतर्गत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के पहलूओं पर व्यापक चर्चा करना है बल्कि इस डिपार्टमेंट के बीटेक, एमटेक के स्टूडेंट्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विविध पहलूओं के बारे में अवेयर करना है। इसके अलावा वे इस क्षेत्र में अपना करियर स्थापित करें। इसे ध्यान में रखते हुए ऐसे प्लेटफॉर्म से इंटरैक्शन भी महत्वपूर्ण है। वहीं, आयोजन सचिव डॉ संगीता सिंह ने इस कार्यक्रम के महत्वपूर्ण पक्षों की जानकारी दी।


कौन किस टॉपिक पर बोले
- प्रो। सतीश चंद जेएनयू एआई एंड डाटा क्लस्टरिंग, सुपरवाइज्ड एंड अनसुपरवाइज्ड क्लस्टरिंग
- प्रो। नीरज शर्मा आईआईटी बीएचयू - डिजाइन एंड इनोवेशन हब, प्रोस्थेटिक हैंड एंड एआई
- राजीव श्रीवास्तव आईआईटी बीएचयू - मशीन लर्निंग, अर्ली प्रिडिक्शन एंड डिटेक्शन ऑफ डिजीजेस, कम्प्यूटर एडेड डिजाइन
- प्रो। रूचिर गुप्ता जेएनयू - अनवांटेड एक्टिविटीज रिकोगनिशन, गेम थ्योरी
- डॉ संजय सक्सेना पेनसिलवेनिया यूनिवर्सिटी ब्रेन ट्यूमर डिटेक्शन, एआई अलगोरिद्म
डॉ जेपी सिंह हेड कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग एनआईटी पटना - डिजास्टर मैनेजमेंट टेक्नोलाजी बाय यूजिंग एआई , एआई ऑफ चिप डिजाइन, डीप लर्निंग

- प्रो। जैकब शारकांस्की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ रियो ग्रांडे डो सुल ब्राजील - एडवांस वर्जन ऑफ एआई एंड यूजेज
- प्रो। अहमद इस्माइल शालन मैटेरियल बास्क सेंटर फॉर मैटेरियल, एप्लिकेशन एंड नैनोस्ट्रक्चर स्पेन - एआई एंड चिप डिजाइन

तीन प्रजेंटेशन बेस्ट
कांफ्रंस के दूसरे दिन को मिलाकर कुल 51 पेपर प्रजेंटेशन किया गया। इस मौके पर एक्सपर्ट जजेज की टीम द्वारा कुल तीन पेपर प्रजेंटशन को बेस्ट घोषित किया गया। इसकी जानकारी देते हुए आयोजन सचिव डॉ सुबोध श्रीवास्तव ने बताया कि आईआईटी बीएचयू, एनआईटी दुर्गापुर और ट्रिपल आईआईटी भुवनेश्वर को बेस्ट पेपर प्रजेंटेशन का खिताब मिला। जजेज की टीम में प्रो। राजू श्रीवास्तव, प्रतीक चटोपाध्याय, गौरव कुमार आदि कमेटी में शामिल रहे।

इन क्षेत्रों में है उपयोगी
- मेडिकल
- डिफेंस
- एजुकेशन
- एग्रीकल्चर
- इंजीनियरिंग
- स्मार्ट सिटी
- एस्ट्रोनॉमी
- सिक्योरिटी सिस्टम

एआई ऐसे लाता है बड़ा बदलाव
एआई आज के समय में ह्यूमन लाइफ के करीब हर क्षेत्र में बहुत उपयोगी है। प्रजेंटेशन के दौरान आईआईटी बीएचयू से राजीव श्रीवास्तव ने अर्ली प्रिडिक्शन एंड डिटेक्शन ऑफ डिजीजेस टॉपिक के दौरान यह बताया कि मेडिकल के क्षेत्र में सीटी स्कैन इमेज से रोगों का जल्दी पता चल जाता है। इसी प्रकार, विभिन्न प्रकार के कैंसर की जानकारी के लिए भी इसका अहम रोल है। कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ सुबोध श्रीवास्तव और डॉ संगीता सिंह ने बताया कि ऑनलाइन टीचिंग और परीक्षा में मास लेवल पर रिजल्ट देने में ओएमआर का प्रयोग और डिफेंस के सेक्टर में दुश्मन की एक्टिविटी पर पैनी नजर रखने में विडियो सर्विलांस का प्रयोग भी एआई का यूजेज है।


रियल लाइफ में हम सभी के सामने आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस एक बड़ा ही मददगार टूल साबित होने जा रहा है। इससे जुड़े नेटवर्क, इमेज प्रोसेसिंग और अन्य टॉपिक के बारे में बहुत ही इनफारमेटिव सेशन रहा। इस दौरान इंटरैटिव सेशन में भी जुडऩे का अवसर मिला।
- उत्कर्ष राज, स्टूडेंट

यह हमारे लिए काफी अच्छा अनुभव रहा। इस कांफ्रेंस के माध्यम से आर्टिफिसियल इंटेलेजिेंस से जुड़े नए रिसर्च ट्रेंड से भी परिचित हुए। यह इससे जुड़े नॉलेज शेयरिंग और नए अनुभव लेने का एक अच्छा प्लेटफार्म रहा।
- मानवी झा, स्टूडेंट

इस कांफ्रेंस में देश- विदेश के प्रोफेसर, साइंटिस्ट, रिसर्च स्कॉलर आदि ने अपना प्रजेंटेशन रखा। इसमें उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। साथ ही मानव जीवन में इसके बढ़ते अनुप्रयोग से भी हमें परिचित कराया।
- श्रेयसी कुमारी, स्टूडेंट