पटना (ब्यूरो)। पूर्वी चंपारण के ढाका स्थित जामिया मारिया मिसवा मदरसा से मंगलवार को एनआइए ने पलनवा थाना क्षेत्र के सिसवानिया निवासी जिस मुफ्ती असगर अली को दबोचा था। उसके तार जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े हैं। मार्च, 2022 में भोपाल में इसके जो चार आतंकी पकड़े गए थे, उनका संबंध असगर से भी था। उस दौरान जांच में यह बात सामने आई थी। असगर ने सहारनपुर के देवबंद के बाद भोपाल में ही रहकर मौलवी की पढ़ाई की है। बुधवार को ढाका पहुंचे एसपी डॉ। आशीष कुमार ने यह जानकारी दी।

लैपटॉप और डायरी जब्त
उन्होंने बताया कि असगर का नाम सामने आने के बाद एनआइए की टीम दो दिन पहले ही मोतिहारी पहुंच गई थी। यहां उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। असगर जब ढाका स्थित मदरसा में आ गया तो वहां पढ़ानेवाले सभी शिक्षकों को एक जगह बुलाया। असगर की पहचान होते ही उसे गाड़ी में बैठा लिया। उसे लेकर एनआइए ढाका बड़ी मस्जिद पहुंची। वहां उसके कमरे से लैपटाप, मोबाइल, डायरी एवं ट्राली बैग आदि जब्त कर थाना लाया गया। करीब छह घंटे तक पूछताछ में आपत्तिजनक पोस्ट, आपत्तिजनक सामग्री विभिन्न ग्रुपों में शेयर करने आदि के बारे में जानकारी मिली। उसके संपर्क उत्तर प्रदेश के भी कुछ लोगों के होने की बात सामने आई है। उसका सत्यापन एनआइए की टीम कर रही है।

देवबंद में की पढ़ाई
भोपाल में पकड़े गए आतंकियों का कनेक्शन कटिहार के बारसोई से भी जुड़ा है। एनआइए पहले बारसोई गई थी। वहां आतंकियों से जुड़ा नूर मोहम्मद पकड़ में नहीं आया तो स्वजन से पूछताछ कर ढाका पहुंच गई। नूर के घर जांच में भी टीम को आपत्तिजनक साहित्य और अन्य दस्तावेज मिले थे। खुफिया सूत्रों ने बताया कि भोपाल व सहारनपुर में देश विरोधी गतिविधियों से इन दोनों का संबंध है। नूर मोहम्मद व अली असगर, दोनों ने सहारनपुर स्थित देवबंद से पढ़ाई की है।

गुप्त रुप से मदरसे का संचालन
मदरसे का संचालक ढाका क्षेत्र के जमुआ गांव का निवासी नायब इमाम मो। नेसार है। उसने दो माह पहले अली असगर को संस्थान में पढ़ाने के लिए नियुक्त किया था। नेसार और असगर एक ही परिसर में साथ-साथ रहते थे। असगर 10 जुलाई को बकरीद पर छुट्टी में घर गया था। संस्थान खुलने पर अपने पैतृक गांव सिसवानिया से मंगलवार को ही ढाका पहुंचा था। मदरसा संचालक नेसार का सेलफोन मंगलवार की शाम से ही बंद है। मदरसा इस तरह चलाया जा रहा था कि किसी को पता नहीं चले। यहां तक कि कोई बोर्ड तक नहीं लगाया गया था।