PATNA: बिजली कंपनी को बिना बताए सब मीटर लगाना गलत है। ऐसा करके मकान मालिक बिजली कंपनी को हर माह 180 करोड़ रुपए का चूना लगा रहे है। इसके कारण एक ओर बिजली कंपनी को नुकसान हो रहा है तो दूसरी ओर किराएदार भी परेशान हो रहे हैं। क्योंकि उन्हें कनेक्शन देने के लिए मकान मालिक राजी नहीं होते हैं। इस बारे में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से सीधी बात में पटना में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लि। के अधिकारियों ने इस मामले को गलत माना। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसके विभिन्न पहलूओं की पड़ताल की।

चोरी और नुकसान का गणित

पटना में करीब 10 लाख किराएदार हैं। कंपनी के द्वारा तय टैरिफ करीब 5 रुपए है जो कि शहरी उपभोक्ता के लिए लागू है। इसमें यह पाया गया है कि किराएदारों से मकान मालिक औसतन 8 रुपए प्रति यूनिट बिजली बिल वसूल रहे हैं। इसका अर्थ है कि प्रति यूनिट 3 रुपए अधिक लिया जा रहा है, जिसका एक भी पैसा बिजली कंपनी को नहीं मिल रहा है। एक किराएदार एक माह में औसतन 60 यूनिट बिजली खपत करता है। इसका अर्थ है किराएदार 480 रुपए दे रहा है। जबकि तय टैरिफ के मुताबिक 300 रुपए का ही बिजली बिल बनता है। इससे स्पष्ट होता है कि पटना में मकान मालिकों की मनमानी से करीब 180 करोड़ रुपए का चूना बिजली कंपनी को हर महीना लग रहा है।

प्रिंटेड बिल से होगी समस्या खत्म

मकान मालिकों के मनमाने बिजली बिल वसूले जाने के संबंध में बिजली विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह समस्या गंभीर है और इसमें एक बात हमेशा ही देखा गया है कि बिजली बिल किराएदार को कभी प्रिंटेड नहीं दिया जाता है। मकान मालिक ने जो प्रति यूनिट मनमाना चार्ज ले रहा है और सब मीटर में जितना बिजली खर्च होता है, उसे ही बिजली बिल बताते हुए मकान मालिक बिजली बिल वसूलते हैं। यदि यह प्रिंटेड बिजली होता जो कंपनी का ओरिजलन बिल हो, तब इसमें यह समस्या ही नहीं होगा।

अब सभी का बिल आएगा

आखिर मकान मालिकों की मनमानी का अंत कैसे होगा। इस बारे में बिजली कंपनी साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लि। की ओर से मिली आधिकारिक जानकारी में बताया गया कि कंपनी के पास ऐसा कनेक्शन देने का प्रावधान है जिसमें सभी कंज्यूमर, चाहे वह मकान मालिक हो या नहीं, सभी के लिए बिलिंग का प्रावधान है। इस व्यवस्था को यदि फ्लैट ऑनर मान ले तो यह संभव है। क्योंकि सभी के पास प्रिंटेड बिजली बिल होगा जो कंपनी के द्वारा भेजा जाएगा। हालांकि इसमें मकान मालिक को थोड़ा ज्यादा खर्च करना होगा। यह अलग प्लान होगा। लेकिन इसका इसमें पारदर्शिता होगी।

सिंगल प्वाइंट से मनमानी पर लगेगा अंकुश

बिजली अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इसमें बिजली का लाइन लॉस कम होता है। बिजली बिल या मीटर में छेड़छाड़ की संभावना नहीं के बराबर रह जाती है। लोग शिकायत करते हैं कि मकान मालिक के द्वारा सब मीटर में भी छेड़छाड़ की जाती है। ऐसे में यदि मकान मालिक सिंगल प्वाइंट कनेक्शन ले ले तो वह मनमानी नहीं कर पाएगा। क्योंकि सभी के पास उचित बिल आएगा।

नहीं आएगा अनावश्यक बिजली बिल

यदि सिंगल प्वाइंट कनेक्शन लिया जाता है तो इसमें बिजली बिल का हिसाब करने का तरीका भी बदल जाएगा। इसमें एक किरायेदार जितनी बिजली का खपत करेगा, उसे उतना ही बिल देना होगा। ऐसे सभी उपभोक्ता तकनीकी रूप से डीएस- टू यानि शहरी उपभोक्ता की श्रेणी में गिने जाएंगे। इसलिए इस व्यवस्था में किसी प्रकार का अनावश्यक बिजली बिल नहीं आएगा।