- 31 मार्च के बाद ही तख्त श्रीहरिमंदिर में मत्था टेकने आने की गुजारिश

- पंजाब, दिल्ली, मुंबई के लगभग एक सौ से अधिक संगत ठहरे हैं तख्त साहिब में

PATNA :

कोरोना को लेकर दशमेश गुरु की जन्मस्थली तख्त श्रीहरिमंदिर पटना साहिब में प्रवेश करने से पहले श्रद्धालुओं के हाथों को मुख्य द्वार पर ही सैनिटाइज कराया जा रहा है। संगतों को बारी-बारी से मत्था टेकने की इजाजत दी जा रही है। मत्था टेकने के बाद उन्हें दरबार साहिब से होकर बाहर भेजा जा रहा है। यहां एक साथ संगतों को बैठने से मना किया जा रहा है। तख्त श्री हरिमंदिर प्रबंधक समिति के महासचिव सरदार महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन ने शनिवार को बताया कि प्रशासनिक आदेश के बाद शुक्रवार से ही हरिमंदिर व बारा गली का गेट बंद कर दिया गया है। स्क्री¨नग मशीन अभी उपलब्ध नहीं हो सकी है। कर्मियों को मास्क दिया गया है।

एहतियात से संगतों में कमी

महासचिव ने बताया कि स्थानीय संगतों से आग्रह किया जा रहा है कि वे 31 मार्च के बाद ही तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब में मत्था टेकने आएं। कोरोना को लेकर प्रबंधक कमेटी द्वारा उठाए गए एहतियाती कदम से संगतों में कमी आई है। महासचिव ने बताया कि विदेशों से आई संगत पूर्व में ही गुरुघर का आशीष लेकर लौट चुकी है। वर्तमान में पंजाब, दिल्ली, मुंबई के लगभग एक सौ से अधिक संगत तख्त साहिब में ठहरे हैं। हालांकि इनकी जरूरी जांच नहीं हो पा रही है। बाहर से आए संगतों को कमरे में ही रहने का निर्देश दिया गया है। सचिव सरदार महेंद्र सिंह छाबड़ा की मानें तो ट्रेन कैंसिल होने के कारण गया में फंसे 27 संगतों को पटना साहिब लाया गया है।