PATNA: बुधवार से 24 जनवरी तक पूरे बिहार में दवा दुकानें बंद रहेंगी, सभी स्ट्राइक पर हैं। इसके कारण पटना में इसका जबदस्त असर रहने की उम्मीद है क्योंकि यहां पूरे प्रदेश से लोग इलाज के लिए सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटलों में इलाज के लिए आते हैं। बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर प्रदेश स्तर पर यह बंदी है। दवा दुकानों पर ड्रग डिपार्टमेंट की ओर से चल रहे कार्रवाई के अभियान के विरोध में यह बंदी है। दवा दुकानदारों ने दुकानें बंद रखने की पहली सूचना आठ जनवरी को ही सरकार को दे दी थी। लेकिन इस बीच कोई सकारात्मक बातचीत नहीं हुई और तीन दिनों तक स्ट्राइक के कारण आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पडे़गा। उधर, बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने अपने सहयोगियों से इसे सफल बनाने के लिए किसी भी सूरत में दुकानें न खोलने का निर्देश दिया है।

स्ट्राइक का व्यापक असर

एक लंबे अर्से के बाद लगातार तीन दिनों के स्ट्राइक की घोषणा की गई है। सरकारी व्यवस्था पर मात्र 50 प्रतिशत ही दवा की आपूर्ति हो पाती है। पीएमसीएच सहित अन्य सरकारी हॉस्पिटलों में बाकी की 50 प्रतिशत दवाएं प्राइवेट दवा दुकानों से ही खरीदनी पड़ती है। पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, एनएमसीएच, एम्स पटना के सामने व बडे़ प्राइवेट हॉस्पिटलों के आसपास दवा दुकानें बंद रहने से काफी परेशानी हो सकती है।

तो तेज करेंगे आंदोलन

ड्रग डिपार्टमेंट की ओर से दवा दुकानदारों को नोटिस भेजा गया है कि दुकानें बंद रखने पर विभागीय कार्रवाई होगी। इसके जबाव में बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने कहा है कि दंडात्मक कार्रवाई हुई तो आंदोलन किया जाएगा और दवा की उपल?धता ठप ही रहेगी।

सभी को सूचना दी गई

इस मामले पर बिहार के स्टेट ड्रग कंट्रोलर रविंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी सिविल सर्जन, बीएमएसआईसीएल, राज्य के प्रमुख सरकारी हॉस्पिटलों आदि को दवा की समुचित व्यवस्था रखने को कहा गया है।

केवल यहां मिलेगी दवा

-प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र

-अमृत योजना की दवा दुकानें।

-ड्रग डिपार्टमेंट के द्वारा मुख्यालय स्तर पर 15 दवा दुकानें और प्रखंड स्तर पर पांच दुकानें खोली जाएंगी।

हम दवा दुकानदारों से अपील कर चुके हैं कि वे स्ट्राइक वापस ले। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सरकार के विभिन्न विभागों को अलर्ट किया गया है और दवा की त्वरित आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

-रविंद्र कुमार सिन्हा, स्टेट ड्रग कंट्रोलर

सरकार हमारी मांगों पर हल देने में विफल रही है। इसक विरोध में ही यह स्ट्राइक है। इसके कारण यदि किसी को परेशानी हो रही है तो इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार है।

-परसन कुमार सिंह, अध्यक्ष बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन