-हाजीपुर के विशुनपुर राम गांव में सामने आया यह मामला

PATNA: शौचालय घोटाला मामले में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। यह मामला हाजीपुर सदर प्रखंड के चकुंदा उर्फ मिल्की पंचायत का है। पंचायत में एक व्यक्ति ने 42 बार शौचालय का अनुदान लिया। विशुनपुर राम गांव में शौचालय निर्माण के लिए अनुदान राशि एक ही व्यक्ति के नाम पर अलग-अलग आइडी से 42 बार निकाली गई। उस व्यक्ति के नाम से 3 लाख 49 हजार 600 रुपए की निकासी की गई। एक अन्य व्यक्ति के नाम पर दस बार में 91 हजार 200 रुपए की निकासी की गई। निकासी वर्ष 2015 के फरवरी से जून माह के बीच की गई।

बताया साफ्टवेयर की गलती

इस मामले को लेकर सरकारी अमला लीपापोती में लग गया है। इस संबंध में जब सवाल उठने लगे तो न तो पीएचईडी के पदाधिकारी कुछ स्पष्ट बोलने की स्थिति में दिख रहे हैं और न ही डीडीसी। सभी का कहना है कि मामला बहुत पुराना है। वहीं ग्रामीण विकास विभाग के कुछ कर्मी इसे सॉफ्टवेयर की गलती मान रहे हैं। सवाल ये है कि सॉफ्टवेयर की गलती से एक ही व्यक्ति के नाम पर अलग-अलग आइडी नंबर कैसे क्रिएट हो सकते हैं। वर्ष 2014-15 में पूर्व स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले में बड़े पैमाने पर पीएचईडी ने एनजीओ व विभाग के माध्यम से शौचालय निर्माण कराया था। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। अभी पूरे जिले की रिपोर्ट आनी बाकी है।

योजना का काम काफी पहले पूर्ण होने के बाद इससे जुड़े सारे दस्तावेज डीडीसी कार्यालय भेज दिए गए थे। अभी हाल में उनका यहां से ट्रांसफर हो गया है।

-केशव प्रसाद, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर

मामला पुराना है। इसके बारे में पीएचईडी से ही जानकारी मिल सकेगी। ये गड़बड़ी कैसे हुई ये वाउचर जांच से ही पता चलेगा।

-सर्वनारायण यादव,डीडीसी