- देश के 25 स्टेशनों को सौंपने की तैयारी, ट्रेन ऑपरेशन व टिकट बु¨कग छोड़ सारे कार्य निजी क्षेत्र को

-पहले चरण में गांधीनगर और हबीबगंज निजी हाथों में, यात्री सुविधाओं के लिए होंगे जवाबदेह

PATNA :

कोरोना संकट के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई को लेकर रेलवे को अपनी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पूंजी की आवश्यकता है। रेलवे की ओर से अभी पर्याप्त पूंजी निवेश की संभावना कम है। ऐसे में यात्री सुविधाओं को बढ़ाने एवं ट्रेनों में आरामदायक सफर के लिए देश के 25 प्रमुख स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने की योजना है। इसमें पटना जंक्शन भी हो सकता है।

पटना जंक्शन में बड़ी कंपनियां दिलचस्पी ले रही हैं। इसके लिए रेलवे विकास निगम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पहले चरण में देश के दो बड़े स्टेशन हबीबगंज व गांधीनगर को निजी हाथों में सौंपा गया है।

पूर्व-मध्य रेल के जीएम ललित चंद्र त्रिवेदी ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर कुछ ट्रेनों को भी निजी हाथों में देने का निर्णय लिया गया है। पटना जंक्शन के लिए दो-तीन बड़े व्यवसायी दिलचस्पी ले रहे हैं। हालांकि कोई निविदा जारी नहीं की गई है। जीएम ने कहा कि पूर्व-मध्य रेल के दूसरे स्टेशन के लिए भी पार्टियां उत्सुक रहेंगी तो उसका भी टेंडर निकाला जा सकता है।

क्या करेंगी निजी कंपनियां :

निजी कंपनियों को ट्रेन परिचालन अथवा ट्रेन टिकट बु¨कग की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। उन्हें केवल स्टेशन के रखरखाव व ट्रेनों की धुलाई व रखरखाव की जवाबदेही दी जाएगी। स्टेशन के अंदर जाने वाले यात्रियों को प्लेटफॉर्म टिकट बेचने की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को मिल सकती है। स्टेशन परिसर की पार्किंग, सफाई, ट्रेनों में पानी भरने, स्टेशन को रोशन करने, प्लेटफॉर्म व स्टेशन परिसर में विज्ञापन लगाने, प्लेटफॉर्म पर फूड स्टॉल लगाने आदि की जवाबदेही निजी कंपनियों पर होगी। बदले में उन्हें एयरपोर्ट की तर्ज पर स्टेशन पर यात्री सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी। हालांकि विशेष नियम व शर्त उस वक्त तय किए जाएंगे जब स्टेशन के निजीकरण का टेंडर निकाला जाएगा।