PATNA : पटना नगर निगम का टैक्स कलेक्शन का टार्गेट पूरा नहीं हो रहा है। कलेक्शन की रफ्तार बढ़ाने के लिए निगम कई कवायद कर रही है। इसी सिलसिले में अब कलेक्शन के काम को आउटसोर्स करने की प्लानिंग हो रही है। निगम ने हाल ही में नगर विकास विभाग के साथ समीक्षा बैठक में कलेक्शन को लेकर कई और उपायों पर चर्चा की। इसमें दूसरे शहरों के मॉडल को अपनाने की बात भी शामिल हैं।

गौरतलब है कि निगम पिछले कई सालों से टैक्स कलेक्शन के न्यूनतम लक्ष्य को पूरा नहीं कर रहा है। पिछले साल होल्डिंग टैक्स का लक्ष्य 7भ् करोड़ था लेकिन फ्म् करोड़ ही कलेक्ट कर पाए। इस साल टैक्स का टार्गेट 80 करोड़ है। अभी तक फ्0 करोड़ तक कलेक्ट हो पाया है.कलेक्शन के लिए निगम झारखंड के कई शहरों में लागू आउटसोर्सिग सिस्टम को अडोप्ट कर सकते हैं। इसके अलावा दूसरे शहरों के सक्सेसफुल मॉडल्स को भी अपनाया जा सकता है। इसे पायलट प्रोजेक्ट की तरह लागू किया जाएगा। रांची नगर निगम ने इस तरीके से अपना टैक्स टार्गेट अचीव करते हुए क्भ् प्रतिशत की बढ़ोतरी भी की है। रांची नगर निगम ने टैक्स कलेक्शन का काम स्पैरो सॉफ्ट नामक कंपनी को दिया हुआ है।

मैनपावर की है कमी

निगम के पास कर्मचारियों की बेहद कमी है। इस वजह से भी कलेक्शन का काम आउटसोर्स किया जा सकता है। इन दिनों मुहीम के तहत कलेक्शन के लिए डोर टू डोर जाकर कोशिश की जा रही है लेकिन लोगों की कमी से अभियान पिछड़ रहा है। निगम बड़े बकाएदारों से टैक्स वसूली के लिए कई दूसरे रास्ते भी अपनाने जा रहा है। इसके तहत निगम के कर्मचारी टैक्स असेसमेंट कर ऐसे बकाएदारों की लिस्ट तैयार कर रही है।

नोटबंदी में बढ़ा था कलेक्शन

टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने की जद्दोजहद के बीच नोटबंदी में होल्डिंग टैक्स का कलेक्शन कई गुना बढ़ गया था। भ्00-क्000 के पुराने नोट से टैक्स पे करने की छूट की वजह से निगम ने ब् करोड़ का टैक्स कलेक्ट किया। अब कलेक्शन की रफ्तार फिर धीमी हो चली है।

मीटिंग में इस तरह की चर्चा हुई है। हम दूसरे निगमों का कलेक्शन मैकैनिज्म देखकर उसे अडॉप्ट करेंगे। फैसला बोर्ड की मीटिंग में ही लिया जाएगा।

- शीर्षत कपिल अशोक, कमिश्नर, पटना नगर निगम