-दो सितंबर की स्ट्राइक का व्यापक असर होगा, सड़क, रेल एवं हवाई यातायात रहेगा ठप
- बैंक, बीमा, पोस्टल, टेलीकॉम, बिजली आदि समेत कई सरकारी ऑफिस बंद रहेंगे
PATNA: दो सितंबर की राष्ट्रव्यापी स्ट्राइक से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त रहेगा। सड़क और हवाई यातायात पूरी तरह से ठप रहेगा। रेल यातायात भी प्रभावित होगी। सरकारी ऑफिसों में भी कामकाज ठप रहेगा विशेषरूप से बैंक, बीमा, पोस्टल, टेलीकॉम, बिजली, ट्रांसपोर्ट और स्टेट एवं सेंट्रल गवर्नमेंट के ऑफिसों के कर्मचारी और ऑटो चालकों का कामकाज पूरी तरह से ठप रहेगा। इसकी जानकारी सेंट्रल ट्रेड यूनियन के नेताओं ने केदार भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी। नेताओं ने एक स्वर में कहा कि सरकार श्रमिक विरोधी है और कई ऐसे प्रावधान को कानूनी अमली-जामा पहनाने की कोशिश की जा रही है, जिसके अस्तित्व में आने के बाद देश में अराजक स्थिति पैदा हो जाएगी। यह स्ट्राइक इन्हीं समस्याओं पर केन्द्रित है।
स्कूली बच्चे होंगे प्रभावित
पटना के विभिन्न इलाकों में बच्चे स्कूल तक बस, वैन और वेहिकल से पहुंचते हैं। दो सितंबर की स्ट्राइक में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ठप रहेगा। इसे लेकर कुछ स्कूल प्रशासन ने स्कूल बंद रखने का फैसला किया है, लेकिन इस बारे में पूरी तौर पर पुष्टि नहीं की गई। प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सैयद श्यामल अहमद ने कहा कि इस संबंध में ट्रेड यूनियनों से मांग करेंगे कि वे स्कूली बच्चों की बसों व वैन को इससे अलग रखें ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो। दरअसल, इन दिनों सेमेस्टर एग्जाम चल रहा है। ऐसे में स्कूल बंद करना बहुत मुश्किल है।
यातायात पूरी तरह से ठप कर देंगे
बड़ी बात है कि ऑटो यूनियन भी इस स्ट्राइक के समर्थन में आ गए हैं। इसके कारण सड़क यातायात ठप ही रहेगा। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सीटू के जेनरल सेक्रेटरी गणेश शंकर सिंह ने बताया कि सड़क यातायात पूरी तरह से ठप रहेगा। यातायात पूरी तरह से ठप रहने के कारण सब्जी, दूध और अन्य दैनिक जरूरतों की चीजों की सप्लाई बुरी तरह से प्रभावित होंगी। इसके अलावा ट्रेड यूनियन के नेता सड़कों पर विरोध मार्च निकालेंगे।
स्वास्थ्य सेवा एवं सुविधा रहेंगे सामान्य
भले ही दो सितंबर को राष्ट्रव्यापी स्ट्राइक है, लेकिन यूनियन के नेताओं ने स्पष्ट किया कि इसमें स्वास्थ्य सेवा जैसी इमरजेंसी सेवा को बहाल रखा जाएगा। प्रेस कांफ्रेंस में यूटीयूसी के महासचिव महेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि स्ट्राइक सरकार को घेरने के लिए है और मांगों की ओर ध्यान आकृष्ट कराने के लिए किया गया है, लेकिन इससे पेशेंट को परेशान नहीं किया जाएगा।
क्यों हो रही है स्ट्राइक
यह ट्रेड यूनियनों की क्म्वीं आम स्ट्राइक है। स्ट्राइक की मुख्य वजह लेबर कानूनों की अनदेखी, कॉरपोरेट हित के लिए लेबर को परेशान करने, लैंड बिल के विरोध, महंगाई, रेलवे, डिफेंस और अन्य सेक्टर में एफडीआई लागू करने के विरोध में देश के छह बड़े ट्रेड यूनियन एक मंच पर हैं। एटक महासचिव (बिहार) चक्रधर प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार की मजदूर विरोधी-किसान विरोधी आर्थिक नीतियों के विरूद्ध एक प्रतिरोध है। नए सरकार को सत्ता में आए हुए एक साल बीत चुका है, लेकिन खुद किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है। इसके साथ ही कई प्रकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन एकजुट हैं। इस संबंध में राज्य और केन्द्र सरकार के ऑफिसों में पहले ही सूचना दी गई है। इसके साथ ही संबंधित जिलों के श्रमायुक्त को भी जानकारी दी गई है।
70 प्रतिशत कानूनी दायरे से छूट जाएंगे
जानकारी हो कि केन्द्र सरकार श्रम कानूनों में बदलाव कर रही है, जिसे कारपोरेट समर्थक और श्रमिक विरोधी बताया जा रहा है। प्रेस कांफेंस में एआईसीसीटीयू के महासचिव आरएन ठाकुर ने बताया कि अब तक श्रमिकों के लिए ब्ब् संबंधित कानून थे इनके हितों को सेफगार्ड करने के। अब नए श्रम कानून को संक्षिप्त कर मात्र पांच कानून रह जाएगा। इसके कारण 70 परसेंट श्रमिक इससे बाहर रह जाएंगे। इंटक के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा कि नए कानून के कारण श्रमिकों के कई मौलिक अधिकार छीन जाएंगे, इसलिए नए कानून का विरोध करते हैं। संशोधन होना चाहिए।
दैनिक जरूरत की चीजें होंगी मुश्किल
ट्रेड यूनियनों की स्ट्राइक के लिए बडे़ स्तर पर तैयारी की गई है। इसमें कई छोटे-बड़े संगठन भी शामिल होंगे। एआईयूटीयूटी के उपाध्यक्ष मणिकांत पाठक ने कहा कि इसका व्यापक असर होगा। चूंकि सभी ट्रांसपोर्ट के कर्मचारी स्ट्राइक में शामिल होंगे, इसलिए दैनिक जरूरत की चीजों की सप्लाई प्रभावित होगी। प्रेस कांफ्रेंस में इंटक के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह, एटक बिहार के महासचिव चक्रधर प्रसाद सिंह, यूटीयूटी के महासचिव महेश प्रसाद सिन्हा, हिन्द मजदूर सभा के महासचिव अघनू यादव, सीटू बिहार के सचिव गणेश शंकर सिंह, एआईसीसीटीयू के महासचिव आरएन ठाकुर और एआईयूटीयूसी के उपाध्यक्ष मणिकांत पाठक उपस्थित थे।
ट्रेड यूनियन की क्ख् सूत्री मांग
- महंगाई पर रोक लगाए सरकार
- न्यूनतम मजदूरी क्भ् हजार रुपए सुनिश्चित किया जाए
- श्रम कानूनों का उल्लंघन रोको और इसमें मजदूर विरोधी संशोधन बंद हो
- समान काम का समान वेतन दो
-असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को सामाजिक सुरक्षा दे सरकार
- आउटसोर्सिग पर रोक लगाओ, ठेका मजदूरी प्रथा बंद करो
- सभी को पेंशन दो
- मुनाफा कमाने वाले सार्वजनिक क्षेत्रों का विनिवेश बंद करो
- सड़क परिवहन सुरक्षा विधेयक वापस लो
- स्कीम कर्मचारियों (आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील स्टाफ व अन्य) को सरकारी कर्मचारियों की तरह सेवा नियमित करो
- भूमि अधिग्रहण विधेयक वापस लो, और रेलवे, डिफेंस, फाइनेंस और रिटेल में एफडीआई बंद करो