PATNA : बीजेपी की ओर से उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव एनडीए के बैनर तले नहीं लड़ने का संकेत देखकर बिहार के एक्स सीएम जीतनराम मांझी के नेतृत्व वाली हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से) ने अपने बूते चुनाव लड़ने की घोषणा की है। अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए क्षेत्रीय दलों से तालमेल भी कर सकती है।

शनिवार को लखनऊ में पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में चुनाव को लेकर रणनीति तय की जाएगी। मांझी ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एनडीए द्वारा यूपी विस चुनाव के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। ऐसे में एनडीए के सभी घटक दल यूपी में चुनाव लड़ने को स्वतंत्र हैं। जेडीयू के रघुवंश प्रसाद सिंह को राजद से निकालने के सवाल पर मांझी ने कहा कि जेडीयू और आरजेडी का गठबंधन बेमेल शादी है।

लालू और नीतीश को राज्यहित से वास्ता नहीं है। नीतीश का उद्देश्य सीएम बनना और लालू का उद्देश्य परिवार को स्थापित करना है। ऐसा नहीं होता तो महागठबंधन कब का टूट जाता। मांझी ने कहा कि सीएम सात निश्चय कार्यक्रम में सरकारी पैसा बर्बाद कर रहे हैं। बीएल वैश्यंत्री, डॉ दानिश रिजवान, द्वारिका पासवान, कमलेश प्रसाद चंद्रवंशी आदि उपस्थित थे।

आरोपी जदयू नेताओं को बचा रहे हैं। शराब के साथ पकड़े गये जदयू के नेताओं के विरुद्ध पार्टी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। चुनाव में वोट लेने के बाद नीतीश कुमार दलितों और गरीबों को भूल गए। अब उनको प्रताडि़त किया जा रहा है। उन्हाेंने कहा कि नीतीश को बिहार के किसानों की कोई चिंता नहीं है लेकिन हार्दिक पटेल के निमंत्रण पर किसानों को संबोधित करने के लिए गुजरात जाएंगे। वे किस मुंह से किसानों को संबोधित करेंगे। जनता नीतीश- लालू का खेल जान चुकी है और अब उनकी बातों में आने वाली नहीं है। इस अवसर पर बीएल वैश्यंत्री, डॉ दानिश रिजवान, द्वारिका पासवान, कमलेश प्रसाद चंद्रवंशी आदि उपस्थित थे।

शहाबुद्दीन के गढ़ में जुटेंगे दिग्गज

बीजेपी ने अरसे बाद प्रदेश कार्यसमिति की मीटिंग राजधानी से बाहर करने का निर्णय लिया है। नित्यानंद राय के प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद पार्टी का यह बड़ा निर्णय है। सिवान में नए वर्ष में ख्क्-ख्ख् जनवरी को पार्टी ने प्रदेश कार्यसमिति की मीटिंग होगी। शहाबुद्दीन के गढ़ में मीटिंग के निर्णय से साफ है बिहार में बीजेपी गठबंधन सरकार को मोहलत देने को तैयार नहीं है। मुद्दों की सूची तैयार है। भाजपाइयों का कहना है कि बिहार में नेताओं और अपराधियों के बीच गठजोड़ का सिलसिला थम नहीं रहा है। इसके विरुद्ध आवाज बुलंद की जाएगी। शराबबंदी के कड़े प्रावधानों एवं अपराध-भ्रष्टाचार जैसे कई मुद्दे हैं, जिनके आधार पर भाजपा महागठबंधन सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेगी। फिलहाल शीर्ष स्तर पर मंथन जारी है।