-जिनके क्षेत्र में ज्यादा गलत बिल उनपर होगी कार्रवाई

-जिलों से एकत्र कराया जा रहा गलत विपत्रों का ब्योरा

PATNA : गलत बिजली बिल पर उपभोक्ताओं को राहत देते हुए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का निर्देश दिया गया है। यानी ऐसी स्थिति में साउथ एवं नार्थ बिहार बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों को ही करंट लगेगा। जिस क्षेत्र से सबसे ज्यादा गलत बिजली बिल की शिकायतें आएंगी वहां के जूनियर इंजीनियर पर कार्रवाई होगी। इसी तरह जिला स्तर पर सर्वाधिक शिकायतें आने पर विद्युत कार्यपालक अभियंता फंसेंगे।

मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में पिछले महीने सूबे में बिजली वितरण एवं बिल वसूली की समस्याओं पर बुलाई गई बैठक में यह बात प्रमुखता से आई थी कि तमाम प्रयासों के बावजूद बिल वसूली में तेजी नहीं आ रही है। गलत बिजली विपत्र इसकी सबसे बड़ी वजह है। इसके बाद दोनों बिजली कंपनियों को गलत विपत्रों का ब्योरा जिलों से एकत्र कराने का निर्देश दिया गया। बिजली कंपनियों को स्पष्ट कर दिया गया कि बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं तक पहुंचाई जाती है। इसलिए आपूर्ति के अनुपात में बिल संग्रह भी जरूरी है। राजस्व संग्रह में बिजली कंपनी की गंभीरता का इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि बड़े उपभोक्ताओं को अनावश्यक लाभ पहुंचाने के आरोप में जहानाबाद मंडल के कनीय विद्युत अभियंता एवं शिवहर के सहायक विद्युत अभियंता पर कार्रवाई भी की गई।

बिल नहीं दिया तो कटेगा कनेक्शन

कोई उपभोक्ता समय पर बिजली बिल नहीं भरता है तो उसका कनेक्शन काट दिया जाएगा। अभी तक दो-चार महीने की लेट-लतीफी भी चल जाती थी, मगर अब डिफाल्टरों पर सख्ती बरती जाएगी। बड़े बकायेदारों का कनेक्शन तुरंत काटा जाएगा। राजस्व वृद्धि के लिए एलटीएस, एनडीएस एवं डीएस-ख् के उपभोक्ताओं के मीटरों का सौ फीसद रीडिंग सुनिश्चित किया जाएगा। उनसे प्राथमिकता के आधार पर वसूली भी होगी।