‘चुप’ जी हां ‘चुप’ और चुप नाम का यह पाकिस्तानी फोक सांग लाखों लोगों की बीच खामोशी से मौजूद है. यह पाकिस्तान में बने दुनिया के पहले फीमेल बैंड की दो चचेरी बहनों जेबा और हानीया का गाया एक सुपरहिट फोक सांग था. पाकिस्तान में इस गाने को जबरजस्त पापुलैरिटी मिली थी.
इस गाने को अफगानी फोक कैटेगिरी में रखा जाता है. अफगानिस्तान की ठेठ फारसी में गाया गया गाना रूबाब की घुन पर बजाया गया था और इस धुन का शुरूआती एक मिनट तो सुनने वाले के दिल के सीधा भीतर उतर जाता है. ‘रबाब’ एक अफगानी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट है और इसको ‘इस्ट्रूमेंट्स का शेर’ भी कहा जाता है. रबाब के ‘रूआब’ का अंदाजा आपको इस बात से ही लग जाएगा कि रबाब अफगानिस्तान के दो नेशनल इंस्ट्रूमेंट्स में से एक है.
चुप को 2010 में ‘कोक स्टूडियो पाकिस्तान’ के शो में गाया गया था. इंटरनेशनल क्रिटिक्स ‘जेबा और हानीया’ के म्यूजिक को रिव्यू करते वक्त इसे अल्टरनेटिव (alternative), आर्ट फोक (art folk), एथिनिक ब्लूज ethnic blues और इजी लिसनिंग (easy listening) तक चुके है. जेबा और हानीया की पापुलैरिटी का अन्दाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि उनके फेसबुक पेज को 1 लाख 84 हजार से भी ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं और 9 हजार से भी ज्यादा लोग इस पेज को प्रमोट कर रहे हैं.
काफी meaningful हैं इसकी lyrics
Paimana Bideh Ki Khumaar Astam..
Paimana Bideh Ki Khumaar Astam..
Man Aashiq-e Chashm-e Mast-e-Yarastam..
Man Aashiq-e Chashm-e Mast-e-Ya...rastam..
Bidee Bidee Ki Khumoor Astam..
Paimana Bideh Ki Khumaar Astam..
अफगानी में बोली जाने वाली लोकल फारसी जिसे ‘दरी’ भी कहते हैं की ये लिरिक्स वैसे तो आपको समझ नहीं आएंगी पर इनकी हिन्दी मीनिंग कुछ इस तरह से है.
“शाकी शराब का प्याला ले आओ. आज मैं इस जाम की खुमारी में अपने आपको डुबो लेना चाहता हूं. तुम्हारी नशीली आखें मुझे तुम्हारा दीवाना बना रही हैं. लाओ लाओ कि इसकी खुमारी मैं अपने आपको खो देना चाहता हूं.”
इसे प्रेमियों का विरह गीत माना जाता है मगर वास्तव में सूफी विचारधारा से इंस्पायर्ड है. 11 सदी के मशहूर सूफी कवि उमर खय्याम के लिखे कई छन्द इस गीत में हूबहू ले लिये गए हैं.
Story by: Alok Dixit