-क्लास न चल पाने व स्कूल बंद होने से स्टूडेंट्स में पढ़ाई की फिक्र

-मोबाइल कनेक्टिविटी की वजह के चलते पढ़ाई के लिए पहाड़ पर चढ़ रहे स्टूडेंट्स

देहरादून

कोरोना-काल को असर स्टूडेंट्स पर भी पड़ा है। न क्लास लग रही, न टीचिंग हो पा रही है और न ही स्कूल खुल पा रहे हैं। लेकिन, इस सबके बीच स्टडी के लिए स्टूडेंट्स कई तरह की तरकीब अपना रहे हैं। स्टूडेंट्स को जहां दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। वहीं कुछ स्टूडेंट्स स्मार्ट फोन का सहारा ले रहे हैं। कुछ स्टूडेंट्स नेटवर्क न होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। नेटवर्क की तलाश में ऐसे स्टूडेंट्स ऊंची पहाडि़यों तक पहुंच रहे हैं।

पहाडि़यां बनी सहारा

दून से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित ग्रामीण क्षेत्र में जीआईसी बुरांसखंडा रायपुर के स्टूडेंट्स के सामने बिजली आपूर्ति के दखल के साथ लो मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी भी समस्या बनी हुई है। कई स्टूडेंट्स पढ़ाई जारी रखने के लिए घर को छोड़ ऊंची पहाडि़यों का सहारा ले रहे हैं। खास बात ये है कि ये स्टूडेंट्स पहाड़ी पर बैठकर दिनभर मोबाइल से अपना होमवर्क कर रहे हैं।

स्टूडेंट्स के अरमान बड़े

बुरांसखंडा के टीचर कमलेश्वर भट्ट के अनुसार स्टूडेंट्स जयश्री के पिता करमपाल मिस्त्री कार्य करते हैं। वे 14 साल पहले पत्‍‌नी झब्बा देवी और भाई विमल सहित झारखंड के गुमला-शिवराजपुर गांव से रोजगार के लिए उत्तराखंड पहुंचे थे। करमपाल बुरांसखंडा में किराये के मकान पर रहते हैं। जयश्री 12वीं में फॉरेस्ट्री वर्ग में पढ़ाई कर रही हैं। वह टीचर बनना चाहती है। स्टूडेंट अजय 12वीं क्लास में इकोनॉमिक्स का स्टूडेंट है। भविष्य में आर्मी में चाहत रखने वाले अजय ने हाईस्कूल में फ‌र्स्ट डिविजन से परीक्षा पास की है। आजकल स्कूल न खुलने के कारण जयश्री और अजय जैसे स्टूडेंट घर दूर पहाड़ी पर पहुंचकर पढ़ाई में जुटे हुए हैं।