रामकृपाल ने कहा, "बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की इमारत को खड़ा करने में मैंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. आज मुझे यह एहसास हो रहा है कि वहाँ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है. सामाजिक न्याय की जगह पारिवारिक न्याय को महत्व मिल रहा है. पूरे बिहार में आम कार्यकर्ता घुटन महसूस कर रहे हैं."

उन्होंने कहा, "मैं बताना चाहता हूँ कि मेरा ज़ेहन बिल्कुल सेक्युलर है और जब तक मैं जीवित रहूँगा मेरी आत्मा में सेक्युलरइज़्म रहेगा."

रामकृपाल ने आठ मार्च को राजद के सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया था.

नाराज़गी

मीडिया में आशंका जताई गई थी कि रामकृपाल बिहार के पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से टिकट न मिलने से ख़फ़ा थे. इस सीट से राजद ने लालू की बेटी मीसा भारती को टिकट दिया है.

मीसा भारती के नाम की घोषणा होने के अगले ही दिन रामकृपाल ने एक प्रेस वार्ता में बहुत ही भावुक अंदाज़ में पार्टी के पदों से इस्तीफ़ा देने की घोषणा की थी.

अभी कुछ दिन पहले ही रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति भाजपा गठबंधन में शामिल हुई थी.

वहीं इंडियन जस्टिस पार्टी के नेता उदित राज भाजपा में शामिल हुए थे. उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया था.

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