नई दिल्ली (पीटीआई)। देश में 3 मई तक लगे लॉकडाउन के बीच ग्रामीण इलाकों में कुछ कार्यों को अनुमति मिल गई है। इसमें कंस्ट्रक्शन वर्क शामिल है। इसके अलावा देश भर में वाटर सप्लाई और सैनिटेशन वर्क को अनुमति मिल गई है। वहीं नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट और को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी को काम करने की इजाजत दी गई है।

अब किस-किस को मिली छूट

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि वन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों और अन्य वनवासियों द्वारा मामूली वन उपज, लकड़ी कटाई और प्रसंस्करण के काम की भी छूट दी गई है। भल्ला ने आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों में पानी की आपूर्ति और स्वच्छता, बिजली लाइनों के बिछाने और निर्माण और दूरसंचार ऑप्टिकल फाइबर और केबल बिछाने की अनुमति दी जाएगी।

और किसको मिली अनुमति

गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान, जिनमें आवास वित्त कंपनियां और सूक्ष्म वित्त संस्थान शामिल हैं, उनमें न्यूनतम कर्मचारी के साथ ऑफिस को खोलने की इजाजत दी गई है। इसके अलावा बांस, नारियल, सुपारी कोको, मसाले के बागान और उनकी कटाई, पैकेजिंग, बिक्री और मार्केटिंग को भी लॉकडाउन के दौरान छूट दी गई है।

यूपी में शुरू होगा इन 11 उद्योगों का संचालन
उत्तर प्रदेश सरकार ने लाॅकडाउन के दौरान कुछ शर्तों को पूरा करने के साथ ग्यारह प्रकार के उद्योग चलाने की अनुमति दी है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, राजेंद्र कुमार तिवारी द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, स्टील, रिफाइनरी, सीमेंट, रसायन और उर्वरक, चीनी मिलों व अन्य उद्योगों को राज्य में संचालित करने की अनुमति दी गई है। हालांकि शर्तों के मुताबिक केवल उत्पादन इकाइयां ही खोली जा सकती हैं। इसमें भी पहले चरण में केवल आधे कर्मचारी ही काम करेंगे। मुख्यालय और उद्योगों की प्रशासनिक इकाइयों को खोलने की अनुमति नहीं है।

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