ऐसी है जानकारी
सोमवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने ये बात कही कि श्रम मंत्रालय महिलाओं की मैटरनिटी लीव को बढ़ाकर साढ़े छह महीने करने को तैयार हो गई है। उन्होंने ये भी बताया कि श्रम मंत्रालय को इस बाबत कहा गया था कि मैटरनिटी लीव को बढ़ाया जाए। इसके पीछे कारण ये बताया गया कि बच्च्ो के लिए मां का दूध कम से कम छह महीने तक तो बेहद जरूरी होता है।
श्रम मंत्रालय कर रहा है विचार
ऐसे में इस बात के कयास तेजी के साथ लगाए जा रहे हैं कि श्रम मंत्रालय इस नए नियम को लागू करने के लिए मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 में बदलाव कर सकती है। इसके अनुसार अभी तक फिलहाल प्राइवेट जॉब करने वाली महिलाओं को 12 हफ्ते की छुट्टी दी जाती थी।
सरकारी नौकरी में है ये सुविधा
इस छुट्टी में उनको अपनी पूरी सैलरी कंपनी की ओर से मिलती है। वहीं अब इस एक्ट में छुट्टियों से संबंधित संशोधन किए जा सकते हैं। यहां बताना जरूरी होगा कि सरकारी नौकरियों में भारत की महिलाओं को छह महीने की मैटरनिटी लीव सेंट्रल सिविल सर्विस 1972 के नियम के मुताबिक दी जाती है।
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