थर्सडे को केयू का इंटर-कॉलेज एथलेटिक मीट शुरू हुआ

-वहां भी डॉ रजी के विरोध और सपोर्ट में हुआ हंगामा

-प्रोवीसी आई थीं इनॉगरेशन के लिए, लेकिन हंगामे को देखते हुए इनॉगरेशन किए बिना ही लौट गई

-वीसी सिटी स्थित एनएसआईबीएम के प्रोग्राम में शामिल हुए, पर स्टेडियम नहीं पहुंचे

JAMSHEDPUR: डॉ एसएस रजी को को-ऑपरेटिव कॉलेज का प्रोफेसर इंचार्ज बनाने का विरोध कॉलेज कैंपस से निकलकर थर्सडे को टेल्को स्थित सुमंत मुलगांवकर पहुंच गया। एबीवीपी द्वारा जहां डॉ रजी के अप्वॉइंटमेंट का विरोध किया गया, वहीं एनएसयूआई और झारखंड छात्र मोर्चा (जेसीएम) उनके समर्थन में स्टेडियम में नारेबाजी करते हुए दिखे। थर्सडे को केयू के इंटर-कॉलेज एथेलेटिक मीट की शुरुआत हुई। इसके इनॉगरेशन के लिए वीसी को आना था, पर वे शहर आकर भी स्टेडियम नहीं पहुंचे। वे एनएसआइबीएम के प्रोग्राम में शामिल होकर वापस चाईबासा लौट गए। केयू की प्रोवीसी डॉ शुक्ला महंती इनॉगरेशन के लिए स्टेडियम पहुंचीं, लेकिन हंगामे के आसार को देखते हुए बिना इनॉगरेट किए वे तुरंत वापस लाैट गई।

तो डॉ जकरिया से कराया इनॉगरेशन

वीसी के स्टेडियम नहीं पहुंचने और प्रोवीसी के स्टेडियम पहुंचने के बावजूद बिना इनॉगरेशन के वापस लौट जाने के बाद एथलेटिक मीट के इनॉगरेशन की बात सामने आई कि आखिर किससे कराया जाए। फाइनली करीम सिटी कॉलेज (केसीसी) के प्रिंसिपल डॉ मो जकरिया से इनॉगरेशन कराया गया। आयोजन में को-ऑपरेटिव कॉलेज के खेल प्रभारी डॉ। विजय कुमार के अलावा डॉ। एचएस मिश्रा, डॉ। संजय यादव, डॉ। अशोक कुमार रवानी, डॉ। भूषण कुमार सिंह, डॉ। एके झा, डॉ। संजय नाथ, डॉ। राजू ओझा सहित अन्य टीचर्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

कोई भड़का रहा उन्हें

को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ एसएस रजी ने कहा कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को कोई भड़का रहा है। उन्होंने इशारे में कहा कि पूर्व प्रिंसिपल इतने दिनों से यहां थे निश्चित ही उनके भी कुछ लोग होंगे जो सही और गलत का फर्क किए बिना विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विरोध के बावजूद स्पो‌र्ट्स कॉम्पटीशन का आयोजन अच्छे से हुआ और आगे भी वे अपना काम करते रहेंगे।

आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा

को-ऑपरेटिव कॉलेज में दो गुट बन गए हैं। एबीवीपी जहां डॉ रजी की नियुक्ति का विरोध कर रहा है वहीं जेसीएम और एनएसयूआई उनके सपोर्ट में है। एबीवीपी के रवि प्रकाश ने जेसीएम और एनएसयूआई पर पैसे लेकर सपोर्ट करने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ जेसीएम के सरफराज और हेमंत का कहना था कि वे सही चीजों का साथ दे रहे हैं।

स्टेडियम में भी हंगामा किया गया पर खेल प्रतियोगिता अच्छे से संपन्न हो गया। मुझे लगता है कि एबीवीपी वालों को कोई भड़का रहा है। कौन ऐसा कर सकता है यह हर कोई समझ सकता है। प्रोवीसी आई थीं, लेकिन हंगामा होने वाला था तो वे वापस चली गईं।

- डॉ एसएस रजी, प्रोफेसर इंचार्ज को-ऑपरेटिव कॉलेज

मुझे स्पो‌र्ट्स इवेंट के इनॉगरेशन के लिए को-ऑपरेटिव कॉलेज द्वारा इन्वाइट तो किया गया था, लेकिन मैं वहां नहीं जा सका। एनएसआइबीएम में ही काफी समय लग गया और उसके बाद चाईबासा लौटना पड़ा।

- डॉ आरपीपी सिंह, वीसी केयू

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पहले दिन का रिजल्ट

क्भ्00 मीटर (ब्वॉयज)

फ‌र्स्ट सुनील कुमार, सेकेंड शत्रुघ्न कच्छप, थर्ड जेवियर सुंडी

क्भ्00 मीटर (ग‌र्ल्स) सेकेंड

फ‌र्स्ट पूजा कुमारी, सेकेंड ज्योत्स्ना कुमारी, थर्ड शीला सिंह कुंटिया

ब्00 मीटर (ग‌र्ल्स)

फ‌र्स्ट पूजा कुमारी, सेकेंड सुमन, थर्ड मनप्रीत कौर

शॉटपुट (ब्वॉयज)

फ‌र्स्ट गांधार खान, सेकेंड हुसैन रजा, थर्ड अल्ताफ हैदर

लंबी कूद (ग‌र्ल्स)

फ‌र्स्ट सुप्रिया दुबे, सेकेंड प्रगति कुमारी, थर्ड शीला सिंह कुंटिया

क्क्0 मीटर बाधा दौड़ (ब्वॉयज)

फ‌र्स्ट दीपक पासवान, सेकेंड सत्री हेंब्रम, थर्ड रंजीत सिंह

शॉटपुट (ग‌र्ल्स)

फ‌र्स्ट रीना जस्मीन सोय, सेकेंड सावित्री बिरूआ, थर्ड नीतू

क्00 मीटर बाधा दौड़ (ग‌र्ल्स)

फ‌र्स्ट सावित्री मुर्मू, सेकेंड प्रगति कुमारी, थर्ड देवयानी

लंबी कूद (ब्वॉयज)

फ‌र्स्ट मो। शाह फैजल, सेकेंड नितिन कुमार शर्मा, थर्ड रंजीत कुमार

ब्00 मीटर (ब्वॉयज)

फ‌र्स्ट दीपक पासवान, सेकेंड अमित चतरा, थर्ड सूरज सरदार

भाला फेंक (ग‌र्ल्स)

फ‌र्स्ट रीना जस्मीन सोय, सेकेंड मोना भूमिज, थर्ड मल्लिका

ब् गुणे ब्00 मीटर रिले (ब्वॉयज)

फ‌र्स्ट एबीएम कॉलेज, सेकेंड करीम सिटी कॉलेज, थर्ड टाटा कॉलेज

ब् गुणे ब्00 मीटर रिले (ग‌र्ल्स)

फ‌र्स्ट एबीएम कॉलेज, सेकेंड जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज, थर्ड ग्रेजुएट कॉलेज

सिनेट में डॉ दास को नहीं बुलाया तो सिंडिकेट में कैसे बुलाया गया था?

फ्राइडे को केयू की सिनेट मीटिंग होनी है। को-ऑपरेटिव कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ आरके दास सिनेट मेंबर हैं। उन्हें इस मीटिंग में शामिल होने का इंविटेशन नहीं भेजा गया। इसपर हमने केयू के वीसी डॉ आरपीपी सिंह से पूछा तो उनका कहना था कि वे अब प्रिंसिपल नहीं हैं इसलिए उन्हें नहीं बुलाया गया है। अगर ऐसा है तो डॉ दास को ख्0 फरवरी को होने वाले सिंडिकेट मीटिंग में भी नहीं बुलाया जाना चाहिए था, क्योंकि क्9 फरवरी को ही डॉ दास के सस्पेंशन को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था। वीसी डॉ आरपीपी सिंह का कहना था कि डेट ऑफ नोटिफिकेशन नहीं बल्कि डेट ऑफ सर्व माना जाता है, इसलिए जिस दिन डॉ दास को लेटर सर्व किया गया उस दिन से वे प्रिंसिपल नहीं रहे।