-एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान में भागवत कथा का आयोजन

-साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि श्रीराम और श्रीकृष्ण ने मर्यादा की स्थापना का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया

JAMSHEDPUR : सूर्य मंदिर कमेटी, सिदगोड़ा के तत्वावधान में एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान में आयोजित पांच दिवसीय भागवत कथा के चौथे दिन शुक्रवार को व्यासपीठ से आईं कथावाचक साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि श्रीराम ने अपने अवतार से सार्वजनिक जीवन से लेकर प्रशासन तक में मर्यादा की स्थापना का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। वहीं श्री कृष्ण ने अपने अवतार से जीवन प्रबंधन के मार्मिक और गूढ़ सूत्रों को प्रतिपादित करते हुए अनुकरणीय प्रमाण दिया। श्रीकृष्ण और श्रीराम ने अपने अवतार काल में आसुरी शक्ति का खात्मा ही नहीं किया, बल्कि अपनी लीलाओं के माध्यम से अपने माता-पिता, गुरु, ईष्ट, मित्र सहित समाज और देश के प्रति अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाहन भी किया। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने अपने आश्रितों को हर कालखंड में आश्रय दिया है और उनकी रक्षा के साथ साथ उनका कल्याण किया है। ईश्वर पर आस्था रखने वालों को कभी निराशा हाथ नहीं लगती है। जीवन में बिना संकीर्तन के रस नहीं आता है इसलिए हर जीव को कुछ पल कीर्तन के लिए निकालना चाहिए।

अहंकार और ईष्र्या ईश्वर को पसंद नहीं

साध्वी ने कहा कि श्रीकृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं के दौरान अभिमानी के मान का मर्दन किया और अहंकार, ईष्र्या और संसार में चलंत तामसिक मनोवृत्ति का दमन किया। सात वर्ष के श्रीकृष्ण ने सात कोस के गिरिराज पर्वत को धारण किया और इसी कारण वो गिरिराज कहलाए। श्री कृष्ण ने मर्यादित आचरण के साथ-साथ मनोहारी लीला से काम को भी जीता। शुक्रवार को श्रीकृष्ण लीला, गोवर्धन पूजा और छप्पन भोग अर्पण प्रसंग पर प्रवचन हुआ। साध्वी ने बताया कि कालिया सर्प के मर्दन के समय भी यही प्रमाण मिला कि भगवान ने अपने ही द्वारा रचित विधान के माध्यम से आसुरी शक्ति को परास्त किया था। कथा आरम्भ होने से पूर्व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ व्यासपीठ की पूजा हुई।