-ग्रेजुएट कॉलेज में स्टूडेंट्स का हंगामा, वीमेंस कॉलेज की स्टूडेंट्स पहुंची डीसी ऑफिस और थाने

-स्टूडेंट्स बीबीए, बीसीए की डिग्री से कम कुछ नहीं चाहती, यूनिवर्सिटी कुछ क्लियर करने को तैयार नहीं

JAMSHEDPUR : ख्भ् हजार रुपए खर्च कर बीकॉम या बीएससी (ऑनर्स) की डिग्री क्यों लें। पहले क्यों नहीं बताया गया कि बीबीए या बीसीए की डिग्री नहीं मिलेगी। अभी भी डिग्री मामले पर यूनिवर्सिटी या कॉलेज कुछ क्लियर क्यों नहीं बता रहा है। गलती यूनिवर्सिटी की हो, कॉलेज की हो चाहे किसी और की पर नुकसान तो स्टूडेंट्स का ही हो रहा है ना। पढ़ाई छोड़ स्टूडेंट्स अब डिग्री के लिए लड़ेंगे क्या। यह हमारे साथ चीटिंग है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। बीबीए, बीसीए की डिग्री मिलेगी या नहीं, यह बताना होगा। साकची स्थित ग्रेजुएट कॉलेज से यूजी लेवल पर वोकेशनल कोर्स कर रहीं स्टूडेंट्स के कुछ ऐसे ही बोल थे। बीबीए और बीसीए डिग्री मामले पर वे सोमवार को हंगामे पर उतर आई थीं।

स्टूडेंट्स मानने को तैयार नहीं

स्टूडेंट्स की नाराजगी को देखते हुए ग्रेजुएट कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ उषा शुक्ला उन्हें समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन स्टूडेंट्स कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थीं। प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स को बताया कि डिग्री प्रदान करने में कॉलेज का कोई रोल नहीं होता। यह भी बताया कि पूरे स्टेट के सभी यूनिवर्सिटीज में वही डिग्री प्रदान किए जाते हैं जो केयू में दिए जा रहे हैं। स्टूडेंट्स उनकी बात मानने को तैयार नहीं थीं। उनका साफ कहना था कि अगर बीसीए के बदले बीएससी ऑनर्स और बीबीए के बदले बीकॉम ऑनर्स की ही डिग्री उन्हें मिलनी थी, तो इतने पैसे देकर इस कोर्स में एडमिशन लेने की उन्हें क्या जरूरत थी। बाद में स्टूडेंट्स ने वीसी के नाम से एक अप्लीकेशन लिखा, जिसमें अपनी प्रॉब्लम को लिखा और उसे प्रिंसिपल से फॉरवर्ड करवाया।

वीमेंस कॉलेज की स्टूडेंट्स थाने और डीसी ऑफिस पहुंची

एक तरफ ग्रेजुएट कॉलेज की स्टूडेंट्स कैंपस में हंगामा कर रही थीं वहीं दूसरी तरफ वीमेंस कॉलेज की स्टूडेंट्स पहले प्रिंसिपल से मिलीं। प्रिंसिपल से मिलने वालों में वे स्टूडेंट्स भी शामिल थीं जो इस मामले में वीसी से मिलने चाईबासा भी गई थीं। स्टूडेंट्स का कहना था कि वीसी ने भी उनसे कुछ क्लियर नहीं कहा। वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स को समझाने की कोशिश की पर वे मानने को तैयार नहीं थीं। स्टूडेंट्स कंप्लेन दर्ज कराने थाने पहुंच गई। हालांकि, थाना इंचार्ज ने इस मामले में कंप्लेन दर्ज करने से मना कर दिया। इसके बाद स्टूडेंट्स ने डीसी ऑफिस में जाकर डिग्री से रिलेटेड अपनी मांगो को लेकर अप्लीकेशन सौंपा।

एडमिशन कैंसिल करा रहे स्टूडेंट्स

बीबीए और बीसीए की डिग्री का मामला कितना बढ़ चुका है और इसको लेकर स्टूडेंट्स कितने सीरियस हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इन कोर्सेज में एडमिशन लेने के बाद स्टूडेंट्स एडमिशन कैंसिल करवा रहे हैं। वीमेंस कॉलेज में इसी बार बीसीए में एडमिशन लेने वाली रंजीता कुमारी को जब पता चला कि उसे बीसीए की जगह बीएससी (ऑनर्स) इन कंप्यूटर अप्लीकेशन की डिग्री मिलेगी तो उसने एडमिशन कैंसिल करवाना ही बेहतर समझा। रंजीता ने एडमिशन कैंसिल करवा कर कालेज से ऑरिजिनल सर्टिफिकेट ले लिया और भुवनेश्वर में एडमिशन लेने का डिसीजन लिया। ग्रेजुएट कॉलेज में भी सोमवार को बीबीए की एक स्टूडेंट ने अपना एडमिशन कैंसिल कराया। अगर जल्दी ही डिग्री का मामला नहीं सुलझा तो प्रॉब्लम और बढ़ सकती है।

मुझे अब केयू का चक्कर में नहीं पड़ना। मैंने वीमेंस कॉलेज में बीसीए में एडमिशन लिया था, लेकन डिग्री वाले मामले का पता चला, तो मैंने अपना एडमिशन कैंसिल करा लिया। अब भुवनेश्वर जा रही हूं एडमिशन लेने।

- रंजीता कुमारी

इस गुस्से के लिए जिम्मेवार कौन है?

पिछले कुछ समय से सिटी स्थित कॉलेज कैंपस में लगातार हंगामे हो रहे हैं। कभी यूजी में एडमिशन के लिए सीट लिमिट किए जाने को लेकर तो कभी वोकेशनल की क्लासेस नहीं होने की वजह से। कभी एडमिशन क्लोज होने से तो कभी डिग्रियों को लेकर। कैंपस के खराब होते माहौल को देखते हुए कॉलेज और केयू एडमिनिस्ट्रेशन पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा? स्टूडेंट्स इतने गुस्से में क्यों हैं? आखिर क्लास रूम छोड़ स्टूडेंट्स सड़क पर क्यों उतरने को मजबूर हैं? अगर ऐसा ही माहौल बना रहा, तो यह शिक्षा के लिए आदर्श माहौल तो कतई नहीं कहलाएगा।

आइए जानते हैं कि पिछले दिनों कब किस कॉलेज में हंगामा हुआ

ख्भ् अगस्त - ग्रेजुएट कॉलेज में बीबीए, बीसीए स्टूडेंट्स द्वारा डिग्री मामले को लेकर कैंपस में हंगामा।

क्9 अगस्त - वीमेंस कॉलेज में बीबीए, बीसीए डिग्री को लेकर स्टूडेंट्स का हंगामा।

क्क् अगस्त - वोकेशनल कोर्सेज में पढ़ाई नहीं होने की वजह से वीमेंस कॉलेज की स्टूडेंट्स ने जमकर हंगामा किया।

भ् अगस्त - बीएड की पढ़ाई ठप होने को लेकर को-ऑपरेटिव कॉलेज के बीएड स्टूडेंट्स का हंगामा।

ख् अगस्त - पीजी पार्ट वन में ज्योग्राफी सब्जेक्ट में नए और पुराने सिलेबस से एग्जाम को लेकर वर्कर्स कॉलेज के प्रिंसिपल का स्टूडेंट्स द्वारा घेराव।

फ्0 जुलाई - यूजी में एडमिशन को लेकर वीमेंस कॉलेज में स्टूडेंट्स का हंगामा।

ख्क् जुलाई - यूजी में एडमिशन क्लोज किए जाने को लेकर को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्रिंसिपल को ज्ञापन दिया गया और चाईबासा स्थित केयू हेड ऑफिस का स्टूडेंट्स ने घेराव किया।

क्म् जुलाई - यूजी में एडमिशन क्लोज होने पर को-ऑपरेटिव कॉलेज में स्टूडेंट्स का हंगामा।

क्म् जुलाई - यूजी में एडमिशन नहीं होने पर वीमेंस कॉलेज की स्टूडेंट्स ने कैंपस में हंगामा किया, प्रिंसिपल का घेराव।

प्रॉस्पेक्टस में बीबीए, बीसीए क्यों लिखा है

स्टूडेंट्स की नाराजगी इस बात से ज्याद है कि उन्हें बीबीए और बीसीए बोलकर एडमिशन दिया गया जबकि अब इन कोर्सेज की डिग्रियां देने से मना किया जा रहा है। इन कोर्सेसज को करने वाली कुछ स्टूडेंट्स मार्कशीट और प्रॉस्पेक्टस लेकर भी आई थीं। यह बात सही है कि प्रॉस्पेक्टस में बीबीए और बीसीए कोर्स का उल्लेख है, जबकि पास करने वाले स्टूडेंट्स के मार्कशीट में बीबीए और बीसीए का उल्लेख नहीं है।

हमारे साथ चीट किया जा रहा है। हमने एडमिशन तो बीबीए में लिया था, लेकिन डिग्री बीकॉम की क्यों मिली।

- अंजली गुप्ता, स्टूडेंट

जो बात थी वह पहले ही क्लियर कर देनी चाहिए थी। अगर बीबीए और बीसीए की डिग्री नहीं दी जाती तो पहले क्यों नहीं बताया।

- पूजा, स्टूडेंट

यूनिवर्सिटी को इस मामले का सॉल्यूशन निकालना चाहिए। जिस कोर्स के लिए पैसे लिए गए, उसकी डिग्री क्यों नहीं मिलेगी।

- रिंकी, स्टूडेंट

प्रॉस्पेक्टस में बीबीए, बीसीए लिखा है, तो उसकी डिग्री क्यों नहीं दी जाएगी। यह तो चीटिंग है।

- प्रिया, स्टूडेंट

डिग्री देने में कॉलेज का कोई रोल तो है नहीं। ये डिग्रियां तो सालों से पूरे झारखंड के यूनिवर्सिटीज में दी जा रही हैं। स्टूडेंट्स ने रिटेन में अपनी बात रखी है जिसकी सूचना मैं यूनिवर्सिटी को दे दूंगी।

- डॉ उषा शुक्ला, प्रिंसिपल, ग्रेजुएट कॉलेज

डिग्रियों को लेकर इतना हंगामा करने की जरूरत नहीं है। इस डिग्री से आजतक तो किसी स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम हुई नहीं है। हम गवर्नमेंट को बीबीए, बीसीए डिपार्टमेंट को खोलने के लिए लिखने पर विचार कर रहे हैं।

- डॉ आरपीपी सिंह, वीसी केयू