छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : एक तरफ एग्जाम और दूसरी तरफ नाच गाना और ढोल नगाड़े की आवाज। एग्जाम को सही से कंडक्ट कराना कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेवारी होती है, पर वीमेंस कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को इससे मतलब नहीं। शुक्रवार से कॉलेज कैंपस में इंटरमीडिएट का प्रैक्टिकल एग्जाम चल रहा था। एग्जाम स्थल से कुछ ही दूरी पर वीमेंस डे सेलिब्रेशन के दौरान ढोल-नगाड़े पर नाच-गान चल रहा था।

पहले भी होता रहा है

कॉलेज की प्रोफेसर इंचार्ज डॉ सुजाता सिन्हा से इसके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है। ऐसा पहले भी होता आया है। उनका कहना था कि प्रोग्राम के दौरान नाच-गाने से एग्जामिनेशन में किसी तरह की प्रॉब्लम नहीं हुई। स्टूडेंट्स ने शांतिपूर्ण तरीके से एग्जाम लिखा। अगर किसी को दिक्कत होती तो वे जरूर शिकायत करतीं।

वर्जन

इंटर का एग्जाम चल रहा था पर सेलिब्रेशन वहां पर नहीं हो रहा था। वहां से दूर था। मुझे नहीं लगता कि इससे एग्जाम में किसी तरह की प्रॉब्लम हुई होगी। सेलिब्रेशन भी जरुरी था।

- डॉ सुजाता सिन्हा

प्रोफेसर-इन-चार्ज

वीमेंस कॉलेज

महिला समिति ने मांगा 50 फीसद रिजर्वेशन

झारखंड महिला कल्याण समिति महिलाओं के लिए 50 फीसद आरक्षण मांगी है। ईस्ट सिंहभूम के उपायुक्त को मुचयमंत्री के नाम शुक्रवार को सौंपे ज्ञापन में समिति ने कहा कि पूर्व की हेमंत सरकार द्वारा झारखंड में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण देने का निर्चाण लिया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे घटाकर 30 फीसद कर दिया है। यह महिलाओं के अधिकार के साथ खिलवाड़ है।

कला संस्कृति के लिए मिले पांच लाख रुपए

ईस्ट सिंहभूम जिले में आदिवासी कला-संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए पांच लाख्र रुपये मिले हैं। जिला प्रशासन यह राशि जिला परिषद को देगी, ताकि प्राथमिकता के आधार पर वह इसका उपयोग कर सके। यह आवंटन जिला प्रशासन को काफी पहले मिला था, लेकिन योजनागत प्रक्रिया की वजह से इसे निर्गत नहीं किया जा सका था। अब जिला परिषद इसका उपयोग जिले में आदिवासी कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए करेगी।