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JAMSHEDPUR: ग्राउंड वाटर के ओवर-एक्सप्लाएटेशन की वजह से वाटर लेवल लगातार नीचे जा रहा है। यों तो राज्य के कई हिस्सों में पानी की समस्या बढ़ रही है पर जमशेदपुर में ग्राउंड वाटर समस्या और भी गंभीर होती जा रही है। ग्राउंड वाटर डायरेक्टरेट के रिपोर्ट के मुताबिक ग्राउंड वाटर एक्सप्लाएटेशन के मामले में जमशेदपुर का राज्य में पहला स्थान है। डायनेमिक ग्राउंड वाटर रिसोर्स इस्टिमेशन के अनुसार ख्009 तक जमशेदपुर सदर में ग्राउंड-वाटर एक्सप्लाएटेशन क्फ्क्.फ्9 परसेंट था जो राज्य में सबसे ज्यादा है। जमशेदपुर सदर को ग्राउंड वाटर के ओवर-एक्सप्लाएटेड कैटगरी में शामिल किया गया है। इसका असर गिरते वाटर लेवल के रूप में दिखाई देता है। पिछले कुछ वर्षो में ग्राउंड वाटर लेवल में क्00 से क्70 फीट तक की गिरावट दर्ज की गई है। शहर के बागुनहातु, बागुननगर, मानगो, छोटा गोविंदपुर, बागबेड़ा जैसे कई इलाकों में वाटर लेवल में गिरावट दर्ज की गई है। गर्मियों में जल स्तर और भी नीचे चला जाता है। इसकी वजह से लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ती है।

7ब् परसेंट ग्राउंड वाटर जाता है स्टेट के बाहर

स्टेट में हर साल क्क्00 एमएम से क्ब्ब्ख् एमएम बारिश होती है, इससे ख्फ् हजार 800 एमसीएम सर्फेस वाटर और भ्00 एमसीएम ग्राउंड वाटर के रूप में आता है, लेकिन राज्य के भौगोलिक सेटअप की वजह से 80 परसेंट सर्फेस वाटर और 7ब् परसेंट ग्राउंड वाटर राज्य के बाहर चला जाता है। यह राज्य में होने वाले ब्8 परसेंट सूखे की भी वजह है। राज्य में ग्राउंड वाटर लेवल में लगातार गिरावट आ रही है जिसकी वजह से गर्मी के दिनों में चापाकलों का पानी तक सूख जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए ग्राउंड वाटर के आर्टिफिशियल रिचार्ज, वाटर कंजर्वेशन के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है।