रांची (ब्यूरो)। झारखंड के शहीदों की कहानी जेल की दीवारों पर दर्शायी जाएगी। इसके अलावा और भी काफी खूबसूरत चीजें यहां देखने योग्य हैं। राजधानी के हार्ट में स्थित पुराने जेल परिसर को ही पार्क और म्यूजियम का रूप दिया गया है। यहां अंडरग्राउंड पार्किंग, रेस्ट्रो और फूड कोर्ट भी बनाया जा रहा है। सभी काम एजेंसी इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट की देखरेख मेें हो रहा है। जल्द ही राजधानी वासी इस पार्क की खूबसूरती का दीदार कर सकेंगे। जुडको ने इसके संचालन और रखरखाव के लिए एजेंसी का चयन करने की तैयारी शुरू कर दी है। ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस (ओ एंड एम) के तहत वार्षिक आधार पर एजेंसी का चयन किया जाएगा।

लेजर शो में स्वतंत्रता सेनानियों की गाथा

बिरसा मुंडा पुरानी जेल परिसर स्थित म्यूजियम में स्वतंत्रता सेनानियों की गाथा दिखाई जाएंगी। इसका डेमोंस्टे्रशन भी हो चुका है। लेजर के माध्यम से पूरा शो जेल की दीवार पर दर्शाया जाएगा। साथ ही बिरसा मुंडा की जीवनी भी प्रदर्शित की जाएगी। लाइटिंग और साउंड सिस्टम की मदद से जेल के बैरक में भी शहीदों की कुर्बानी की गाथा दिखाई जाएगी। यह देश का पहला जनजातीय म्यूजियम है जहां बिरसा मुंडा से लेकर झारखंड की संस्कृति, आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी एवं राज्य के प्राकृतिक सौंदर्य को भी दिखाया जाएगा। इतना ही नहीं, 120 साल पुरानी जेल के स्वरूप को भी देखने का अवसर मिलेगा। इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। बल्कि पहले की ही तरह दिखाने का प्रयास किया गया है। भगवान बिरसा मुंडा को वर्ष 1900 में उनके उलगुलान विद्रोह के लिए इसी जेल में कैद किया गया था। उस स्थान को भी संरक्षित रखा गया है।

चिल्ड्रेन जोन व म्यूजिकल फाउंटेन भी

पार्क में ब'चों के मनोरंजन का भी ख्याल रखा गया है। पार्क के एक साइड में चिल्ड्रेन जोन बनाया गया है। जहां स्केटिंग, रॉक क्लाइंबिंग के अलावा कई प्रकार के झूले ब'चों का मनोरंजन करेंगे। इतना ही नहीं, विभिन्न खेलों के संसाधन भी उपलब्ध हैं। पार्क में म्यूजिकल फाउंटेन का भी आनंद लिया जा सकता है। इस फाउंटेन से निकलते पानी में मां भद्रकाली, मां छिन्नमस्तिका, बाबा बैद्यनाथ, पारसनाथ का दर्शन भी हो सकेगा। इसके अलावा पार्क में खाने-पीने की भी बेहतर व्यवस्था होगी। यहां फूड के कुल 16 स्टॉल होंगे। जहां लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाया जा सकेगा। मालूम हो कि बिरसा मुंडा पार्क सह म्यूजियम 32 एकड़ में फैला है। इसके जीर्णोद्धार में करीब 142 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इस पार्क को 2020 में हैंडओवर करने की तैयारी थी। लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के कारण काम पर असर पड़ा। बिरसा मुंडा पार्क को राजधानी के नंबर 1 पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।