रांची (ब्यूरो)। जेल प्रशासन ने जैमर लगाने का ट्रायल भी ले लिया है। फोर जी जैमर लगाने के लिए दो कंपनी का नाम सामने आया है। कंपनी ने इसका प्रजेंटेशन दे दिया है, जैमर का ट्रायल भी ले लिया गया है। कंपनी से कोटेशन मिलते ही दोनों में से किसी एक कंपनी को जैमर इंस्टॉल करने की जिम्मेवारी सौंप दी जाएगी। बीते कई महीनों से जेल में फोर जी जैमर लगाने पर विचार चल रहा है। लेकिन फाइल से यह बाहर ही नहीं निकला। जेल प्रशासन अब इसे लेकर रेस हुआ है। फोर जी जैमर इंस्टॉल होने के बाद जेल के अंदर मोबाइल फोन इस्तेमाल पर रोक लग जाएगी। जिसके बाद रंगदारी मांगने की शिकायत पर भी लगाम लगेगी।

अभी लगा है टू जी जैमर

वर्तमान में होटवार जेल में टू जी जैमर लगा है। लेकिन अपराधी फोर जी नेटवर्क इस्तेमाल करते हैं। टू जी नेटवर्क होने की वजह से यह फोर जी में वर्क नहीं करता है। बीते कई महीनों से जेल कैंपस से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैैं, जिसमें जेल से अपराधियों के गैंग चलाने की बात सामने आई है। जेल में हुई छापेमारी में कई बार मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं। कई बार जेल के अंदर का वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें अपराधी पुलिस को चेतावनी देते नजर आए हैं। फोर जी जैमर लग जाने के बाद जेल के अंदर से किसी भी तहर से मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। जेल प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद जेल के अंदर मोबाइल बड़ी आसानी के साथ पहुंच जाता है। इसके बाद बड़े से लेकर छोटे अपराधी तक जेल के अंदर से बैठकर ही अपनी सल्तनत चलाते हैं। यही वजह है कि जेल में 4 जी जैमर लगाने की तैयारी चल रही है। रांची के होटवार जेल से इसकी शुरुआत होगी। इसके बाद दूसरे जेलों में भी 4जी जैमर इंस्टॉल किए जाएंगे।

बेल और ईसीआईएल कंपनी का चयन

जैमर इंस्टॉल करने के लिए सेंट्रल से सर्टिफाइड कंपनियों को ही जिम्मेदारी देनी है। ऐसी ही दो कंपनी बेल और ईसीआइएल का चयन किया गया है। जेल के अंदर नेटवर्क जाम करने के लिए जैमर का इस्तेमाल किया जाएगा। जेल की चहारदीवारी के बाहर इसका कोई असर नहीं होगा। जेल आईजी ने बताया कि इन जैमर्स से मोबाइल नेटवर्क से किसी भी तरह की कॉल चाहे वो इंटरनेट कॉल हो या फिर बेसिक कॉल दोनों बाधित हो जाएंगी। हाल के दिनों में भी जेल में फोन के इस्तेमाल की खबरे जेल से बाहर आई थी। कई कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल की सूचना मिली थी। जिसके बाद अब झारखंड के सभी जेलों में फोर जी जैमर लगाने की कवायद तेज कर दी गई है।

गैंगस्टर चलाते हैैं अपनी सल्तनत

जेल में बंद गैंगस्टर जेल से ही अपनी सल्तनत चला रहे हैैं। अपराधी सरकारी अधिकारी से लेकर, ठेकेदार, बिल्डर, कोराबारी को निशाना बनाते और उनसे रंगदारी की मांग करते हैं। जेल में बंद अमन साव, सुजीत सिन्हा, अखिलेश सिंह, अनिल शर्मा, अमन सिंह, अमन साव, सुरेंद्र बंगाली और तिवारी गिरोह जैसे गैंगस्टर जेल में बैठे-बैठे अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं। जेल से रंगदारी रोकने के लिए कई बार रांची पुलिस ने कोशिश की, लेकिन हर बार पुलिस नाकाम ही रही है। पुलिस का भी कहना है कि 4 जी जैमर लगने से पुलिस को भी राहत मिलेगी। सिर्फ जैमर ही नहीं बल्कि जेल परिसर में मेटल डिटेक्टर भी लगेगा। जेल प्रशासन की ओर से इसकी तैयारी चल रही है। जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार अगले एक हफ्ते में नया स्कैनर जेल गेट में लगा दिया जाएगा।