रांची(ब्यूरो)। रांची को राजधानी बने दो दशक से भी अधिक समय बीत चुका है। अब जाकर सिटी को जाम फ्री बनाने की कवायद शुरू हुई है। राजधानी रांची में वैसे तो तीन फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन जिस स्पीड से रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर और सिरमटोली फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा उसके अनुपात में कांटाटोली फ्लाईओवर ने अबतक रफ्तार नहीं पकड़ी है। कांटाटोली फ्लाईओवर का काम बीते छह सालों से चल रहा है। अबतक 50 फीसदी भी काम पूरा नहीं हुआ है। वहीं, महज छह महीने पहले शुरू हुए रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर और सिरमटोली फ्लाई ओवर का 25 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इन दोनों स्थानों पर दिन रात काम चल रहा है। भीड़ भाड़ वाला स्थान होने के बावजूद बगैर अड़चन के हर दिन निर्माण कार्य चल रहा है। रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर में पिस्का मोड़ से आगे सभी पीलर तैयार हो चुके हैं। अब एलिवेटेड स्ट्रक्चर तैयार हो रहा है, जबकि किशोरी यादव चौक दुर्गा मंदिर तक पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है। पीलर के लिए रॉड भी बंध चुका है।

सिरमटोली फ्लाईओवर अक्टूबर तक

सिरमटोली से मेकॉन चौक तक बन रहे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है। बिना रुके, बिना थमे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जारी है। फ्लाईओवर निर्माण को लेकर फिशरी, जैप, फॉरेस्ट की जमीन का एनओसी मिल चुका है। पोस्टल डिपार्टमेंट की ओर से एनओसी को लेकर जल्द ही चीफ ऑफिस को भेजा जाएगा। यहां भी जल्द एनओसी मिलने की संभावना है। इस फ्लाईओवर को अक्टूबर से पहले हैंडओवर करने का लक्ष्य है, ताकि लोगों को जल्द से जल्द जाम से राहत मिले और आवागमन सुगम हो।

337.50 करोड़ आएगी लागत

बता दें कि सिरमटोली से राजेंद्र चौक होते हुए मेकॉन गोल चक्कर तक 2.34 किमी का फोर लेन फ्लाईओवर बनाया जा रहा है, जिसकी कुल लागत 337.50 करोड़ है। राजेंद्र चौक से नेपाल हाउस की ओर उतरने वाला फ्लाइओवर का हिस्सा दो लेन का होगा। चार लेन वाले फ्लाइओवर की लंबाई 1632 मीटर और दो लेन वाले की लंबाई 295 मीटर होगी। सिरम टोली से राजेंद्र चौक तक फ्लाइओवर निर्माण के लिए लगभग सवा एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें सिरम टोली में 0.51 एकड़ और राजेंद्र चौक पर 0.81 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जाएगी। यह भूमि सरकारी है, जिसमें जैप ग्राउंड, फिशरी डिपार्टमेंट, वन विभाग और डाक विभाग की जमीन शामिल है।

कांटाटोली फ्लाइओवर का काम सुस्त

झारखंड की राजधानी रांची में इन दिनों एक साथ तीन फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन, कांटाटोली फ्लाईओवर की समस्या जस की तस बनी हुई है। फटकार के बाद कुछ समय के लिए काम रफ्तार पकड़ता है, लेकिन फिर सुस्त पड़ जाता है। कांटाटोली फ्लाईओवर का काम करीब छह साल पहले शुरू किया गया था, लेकिन बीच में काम बंद हो गया। लेकिन अब एक बार फिर तेजी से काम शुरू हुआ। कांटा फ्लाईओवर का करीब 40 प्रतिशत ही काम पूरा हो सका है।

32 पिलर हो गए खडे

कांटाटोली फ्लाईओवर में 44 पिलर का निर्माण होना है, जिसमें 32 पीलर खड़े हो गए है। अब अगले महीने से स्लोपिंग का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। इस फ्लाईओवर की लंबाई करीब 2.24 किलोमीटर है। निर्माण कार्य में जुटे इंजीनियरों ने बताया कि अगले 15 दिनों में रांची के बहुबाजार चौक से कांटाटोली के बीच स्लोपिंग का काम शुरू हो जाएगा।

रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर का स्लोपिंग जुलाई से

रांची में पिस्का मोड़ से रातू रोड के बीच एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। यहां लगभग 30 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। करीब एक दर्जन पिलर तैयार हो गए है। शेष काम 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य छह-सात महीने में काफी तेजी से हुआ। इंजीनियरों ने बताया कि जिस तेजी से काम चल रहा है, उसके अनुसार तय समय पर काम पूरा कर लिया जाएगा। स्लोपिंग का काम जुलाई तक शुरू हो जाएगा। इसकी तैयारी कर ली गई है।