रांची (ब्यूरो)। इन दिनों रांची नगर निगम ने आवारा कुत्तों को लोगों को काटने के लिए सडक़ पर छोड़ दिया है। आवारा कुत्ते शहर में लोगों को हर दिन काट रहे हैं। शहर में हर दिन 100 से अधिक लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। ताजा मामला धुर्वा का है जहां एक बच्ची को तीन से चार कुत्तों ने मिलकर घायल कर दिया, बच्ची की हालत स्थिर है। राजधानी में यह कोई नया नहीं है, इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। रांची में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। रांची नगर निगम पिछले दो सालो से आवारा कुत्तों को पकडऩा भी छोड़ दिया है। अब शहर के हर इलाके में आवारा कुत्ते घूम रहे हैं।

हर इलाके में कुत्ते

शहर में कुछ संवेदनशील इलाके हैं जहां से रोजाना लोगों को ये कुत्ते अपना शिकार बनाते हैं। डोरंडा में हाईकोर्ट से लेकर रसिक लाल रेस्टॉरेंट के पास रहने वाले कुत्ते रहते हैं, जो रात में सडक़ से गुजरते लोगों पर किसी कारण हमला कर देते हैं। डोरंडा रसिक लाल के पीछे मांस-मछली की कई दुकाने हैं। इस कारण यहां आवारा कुत्तों की आबादी अधिक है। मांस-मछली खाने की वजह से यहां के कुत्ते काफी आक्रामक हो गए हैं।

लालपुर से डिस्टिलरी पुल

डोरंडा के अलावा लालपुर से लेकर डिस्टिलरी पुल के बीच रहने वाले कुत्तों की गिनती भी खतरनाक कुत्तों में होती है। यहां भी रात में पैदल या दोपहिया वाहन से गुजरना सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा दर्जी मोहल्ला, मनिटोला, ढेला टोली, पहाड़ी मंदिर, किशोरगंज, धुर्वा, सेक्टर 2, हटिया सिंह मोड़, बरियातू हाउसिंग कॉलोनी, मोरहाबादी रोड, रिम्स परिसर, पुरुलिया रोड, नेपाल हाउस, पुंदाग, बिरसा चौक सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाके हैं।

सिटी में 55 हजार नसबंदी

राजधानी में 90 हजार से अधिक आवारा कुत्ते हैं। होप एंड एनिमल 11 सालों में 50 से 55 हजार से अधिक आवारा कुत्तों की नसबंदी करा चुका है। अभी भी करीब 35 हजार कुत्तों की नसबंदी नहीं हो पाई है, इस कारण उनकी आबादी पर काबू नहीं पाया जा सका है। रांची नगर निगम और होप एंड एनिमल संस्था साल 2007 से साथ काम कर रही है।

कुत्ते नहीं पकड़ रहा नगर निगम

निगम ने कुत्ता पकडऩे के लिए संस्था को दो टाटा एस वाहन दिए थे। किसी तरह संस्था ने 11 साल तक वाहन से काम चलाया। कई बार नगर निगम से नए वाहन देने की मांग की, लेकिन निगम ने मदद नहीं की। जैसे-तैसे संस्था पुराने वाहन से ही काम चलाती रही। कर्मचारियों ने बताया कि रोजाना काम के दौरान वाहन खराब हो जाता था। एक कुत्ते की नसबंदी पर संस्था को 350 रुपए नगर निगम देता है।

डेल 100 से अधिक शिकार

राजधानी के सदर अस्पताल में कुछ दिनों से भारी संख्या में लोग रैबिज का टीका लगवाने पहुंच रहे हैं। हर दिन 100 से अधिक लोग टीका लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। सदर अस्पताल की एक नर्स ने बताया कि कुछ दिनों से आवारा कुत्तों के काटने की शिकायत बड़ी मात्रा में बढ़ती जा रही है जिससे टीका के लिए भारी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, पिछले एक सप्ताह से टीके की मात्रा बढ़ी हुई है।

रांची में इन दिनों आवारा कुत्तों के काटने की शिकायत हर दिन आ रही है। सदर अस्पताल में एंटी रैबीज लेने के लिए काफी संख्या में लोग आ रहे हैं। उनको एंटी रैबीज लगाया जा रहा है।

-विनोद कुमार गुप्ता, सिविल सर्जन, रांची