रांची (ब्यूरो) । रांची सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ जैन समाज में आक्रोश

झारखंड के गिरिडीह में पारसनाथ पहाड़ स्थित जैन समुदाय के प्रमुख धर्म स्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में संवेदनाएं शिखर पर हैैं। जैन समाज के लोगों ने देश भर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के साथ सरकार तक अपनी आवाज जोरदार तरीके से पहुंचा दी है।

कई शहरों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन

रांची के अलावा कई अन्य शहरों में भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। इस बीच झारखंड सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए पर्यटन स्थल के पहले 'धार्मिकÓ शब्द जोडऩे की बात कही है। हालांकि, जैन समाज इसके लिए राजी नहीं है। इधर, सम्मेद शिखर को टूरिस्ट प्लेस बनाए जाने का विरोध कर रहे जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने आज आमरण अनशन करते हुए प्राण त्याग दिए। इससे इस मामले के तूल पकडऩे की आशंका प्रबल हो गई है। जैन समाज ने गिरिडीह में 5 जनवरी को मौन जुलूस निकालने की घोषणा की है।

अधिसूचना निरस्त हो

राज्य सरकार गिरिडीह के पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखरजी को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में घोषित करने को तैयार है। लेकिन जैन समाज वर्ष 2019 में राज्य सरकार द्वारा उस अधिसूचना को निरस्त करने की मांग पर अड़ा हुआ है, जिसके तहत पारसनाथ को अंतर्राष्ट्रीय महत्व का पर्यटन स्थल घोषित किया गया है। राज्य सरकार इस अधिसचूना में पर्यटन स्थल के साथ धार्मिक स्थल जोडऩे को तैयार है।

आस्था का रखेंगे ख्याल

सम्मेद शिखरजी के लिए जयपुर में जैन मुनि की समाधि के सवाल पर राज्य के पर्यटन, कला संस्कृति मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने कहा कि जैन समाज की आस्था का पूरा ख्याल रखा जाएगा। राज्य सरकार इसका समाधान निकालने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सोमवार को उनसे मिलने पहुंचे जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल को इसका आश्वासन भी दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक शीघ्र कराई जाएगी ताकि इसका समाधान निकल सके। उन्होंने यह भी कहा कि पारसनाथ को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने का निर्णय रघुवर सरकार में लिया गया था।

मांस-मदिरा का विरोध

राज्य के पर्यटन, कला संस्कृति सचिव मनोज कुमार ने कहा है कि सम्मेद शिखरजी को गिरिडीह में पर्यटन स्थल घोषित करने की तीन साल पुरानी अधिसूचना का विरोध कर रहे जैन समाज द्वारा बताई जा रही समस्याओं के समाधान के बीच कोई संबंध नहीं है। राज्य सरकार उक्त अधिसूचना में 'धार्मिक स्थानÓ शब्द जोडऩे के लिए तैयार है, लेकिन वे 2019 की अधिसूचना को रद्द करने पर जोर दे रहे हैं। उनके अनुसार, सिर्फ धार्मिक स्थल घोषित किए जाने से भी उनकी उस समस्या का समाधान नहीं होगा, जिसमें उनका कहना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने से वहां मांस-मदिरा का उपयोग शुरू हो जाएगा।

नहीं मिला दूसरा उदाहरण

मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे तथा पर्यटन सचिव के साथ जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ पिछले दिनों हुई बैठक में भी धार्मिक शब्द जोडऩे का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन प्रतिनिधिमंडल इसके लिए तैयार नहीं हुआ। बैठक में प्रतिनिधिमंडल से किसी धार्मिक स्थल का उदाहरण देने को कहा गया जिसे राज्य सरकार ने धार्मिक स्थल के रूप में घोषित किया गया है। लेकिन प्रतिनिधिमंडल ऐसा कोई उदाहरण नहीं दे सका।

पांच को भी प्रर्दशन

गिरिडीह में दिगंबर जैन समाज 5 जनवरी को मौन जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन करेगा। यह जानकारी दिगंबर जैन समाज गिरिडीह के मंत्री नोकेश जैन ने पत्रकारों को दी। उन्होंने कहा कि जुलूस में झारखंड के सभी जिलों से जैन समुदाय के लोग शामिल होंगे। सभी को सूचना दी जा चुकी है। मौन जुलूस शहर के झंडा मैदान से दोपहर एक बजे निकाला जाएगा। पूरे शहर का भ्रमण करने के बाद समाहरणालय पहुंच कर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा। ज्ञापन में पारसनाथ को धार्मिक स्थल बनाए रखने की मांग की जाएगी।