-7 सितंबर को खांसी की शिकायत पर कराया गया था एडमिट

-इलाज में लापरवाही का लगाया आरोप

RANCHI : औरंगाबाद के रहने वाले दारोगा प्रसाद की गुरुवार सुबह आर्किड में डॉ.एमके बदानी की देखरेख में इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप था हास्पिटल प्रबंधन ने उनके इलाज में लापरवाही बरती इसी वजह से उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद परिजनों ने हास्पिटल में जमकर हंगामा किया। हंगामा शुरू होते ही वहां पहले से मौजूद पुलिस ने लोगों को शांत कराया और हास्पिटल में कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।

रेफर नहीं कर रहे थे डॉक्टर

मृतक के बेटे संतोष गुप्ता ने बताया कि वह अपने बेटे के यहां रांची आए थे। इसी दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। मामूली खांसी की शिकायत के बाद उन्हें आर्किड लाया गया था। जहां डॉक्टर ने उन्हें भर्ती करने की सलाह दी और आईसीयू में रख दिया। इसके बाद उनकी तबीयत सुधरने की बजाय बिगड़ने लगी। परिजनों ने जब उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर करने को कहा तो डॉक्टर ने रेफर करने से भी मना कर दिया। वहीं लगातार दो दिनों तक उन्हें आईसीयू में ही रखा। सिके बाद गुरुवार सुबह उन्हें म्भ् हजार रुपए का बिल थमा दिया गया।

सुबह ही हो गई थी मौत

गुरुवार सुबह हास्पिटल स्टाफ ने उनकी हालत खराब होने की खबर दी तो परिजन भागते हुए हास्पिटल पहुंचे। जहां सुबह करीब साढ़े छह बजे ही उन्होंने अंतिम सांस ली। इसके बाद परिजनों को थोड़ी देर बाद उनकी मौत की खबर दी गई। यह सुनते ही परिजन हंगामा करने लगे। वहीं डेथ रिपोर्ट में हास्पिटल की ओर से साढ़े आठ बजे का समय बताया गया था। जिसका परिजनों ने विरोध किया और सही रिपोर्ट तैयार करने को कहा।

हास्पिटल प्रबंधन ने सुबह ही बुला ली थी पुलिस

इस मामले में हास्पिटल प्रबंधन को हंगामा होने का पूरा अंदेशा था। इसलिए सुबह ही पुलिस को बुला लिया गया था। उसके बाद परिजनों को मरीज के मौत की सूचना दी गई, ताकि मृतक के परिजन कोई हंगामा न करें।

हास्पिटल ने कहा, मरीज को थी कई बीमारी

मरीज की मौत पर हंगामे के बाद हास्पिटल प्रबंधन का कहना है कि मृतक दारोगा प्रसाद को सेप्टिसेमिया और मल्टीआर्गन फेल्योर था। इसी वजह से उनकी मौत हुई है। वहीं यह बात परिजनों को पहले से ही मालूम थी। इसके बावजूद परिजनों ने जानबूझकर हास्पिटल में हंगामा किया। वहीं बिल में भी छूट दी गई है।