रांची (ब्यूरो) । रांची आइट्स को एक दिन की राहत मिली। लंबे समय बाद सड़क पर बिना ट्रैफिक लोड के आवागमन करने का अवसर मिला। न कहीं जाम की समस्या और न ही किसी तरह के बेतरतीब वाहन चालकों का सामना करना पड़ा। दरअसल, राजधानी की सबसे बड़ी समस्या बन चुके ऑटो चालकों ने प्रशासन से नाराज होकर एक दिवसीय चक्का जाम बुलाया था। जिस कारण करीब दस हजार ऑटो सड़क पर नहीं निकले। नतीजा यह हुआ कि आम पब्लिक को आने-जाने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई। ऑटो की सवारी करने वाले यात्री थोड़े परेशान जरूर हुए, लेकिन सिटी बस और ई-रिक्शा ने जल्द ही उनकी परेशानी खत्म कर दी। लोगों ने कहा कि ऐसा हर दिन हो तो रांची की तस्वीर ही बदल जाए। जाम की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। हाल के वर्षों में राजधानी रांची में बेहिसाब तरीके से पैसेंजर ऑटो की संख्या बढ़ी है। सड़क पर करीब 22 हजार ऑटो हो चुके हैं। इसमें ऑटो चलाने की अनुमति महज 5000 चालकों के पास ही है। शहर में जाम की सबसे बड़ी समस्या अवैध ऑटो चालक ही हैं।

पिस्का मोड़ से रातू रोड पर नहीं लगा जाम, लालपुर भी रहा जाम फ्री

ऑटो नहीं चलने के कारण राजधानी का सबसे बिजी रहने वाला सड़क रातू रोड पर किसी प्रकार का जाम नहीं लगा। जाम की सबसे ज्यादा समस्या इसी रूट पर होती है। पिस्का मोड़ से किशोरी सिंह यादव चौक तक वाहन चलते नहीं, बल्कि रेंगते हैं। इधर कचहरी से लालपुर तक भी ऑटो नहीं चलने से ट्रैफिक लोड कम रहा। आम लोगों को आवागमन करने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। सड़क पर ऑटो के कब्जे ने जैसे आम लोगों से सड़क ही छीन ली हो। जहां मन हुआ वहीं गाड़ी रोक देना इन ऑटो चालकों की आदत बन गई है। पैसेंजर बिठाने या उतारने के लिए ऑटो ड्राइवर बीच सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर देते हैं। इससे दूसरे लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी ऑटो चालकों की इसी गलती के कारण दुर्घटना तक हो जाती है।

पुलिस की मिली भगत

अवैध आटो की वजह से पूरा शहर जाम की चपेट में रहता है। हर इलाके में लोगों को परेशानी होती है। पुलिस और जिला प्रशासन के पास आटो और चालक का कोई डिटेल नहीं रहता है। इस वजह से किसी प्रकार की घटना होने के बाद भी पुलिस को आटो का डिटेल नहीं मिल पाता है। अवैध आटो चालकों की मनमानी इतनी है कि वह अपनी मर्जी से हर इलाके में आटो चलाते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। ऑटो चालकों को कहीं न कहीं पुलिस सरंक्षण भी प्राप्त है। उनकी मिलीभगत से ही शहर के सभी चौक चौराहों को ऑटो चालकों ने ऑटो स्टैंड बना रखा है। कई बार पुलिस द्वारा पैसे वसूली की खबरें आती रहती हैं। आटो चालकों को परमिट लगाकर चलाने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा अन्य वर्दी पहन कर आटो चलाना, निश्चित स्थान पर ही गाड़ी खड़ी करने संबंधित अन्य नियमों का पालन ऑटो चालकों को करना है। लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है। ऑटो चालक सभी नियमों को ताक पर रख कर मनमाने तरीके से ऑटो चलाते हैं।

इस वजह से ऑटो चालकों की स्ट्राइक

ऑटो चालकों ने अवैध वसूली के विरोध में सांकेतिक रूप से एक दिवसीय चक्का जाम का ऐलान किया था। रातू रोड से रातू, नगड़ी, मांडर, कांके, बरियातू, कचहरी की ओर चलने वाले चालकों ने अपना ऑटो बंद रखा। इसके अलावे लालपुर, बिरसा चौक, हरमू रोड में ऑटो की संख्या कम रही। ऑटो चालकों का कहना है कि रांची की सड़कों पर अलग-अलग जगह पर पार्किंग शुल्क के नाम पर अवैध उगाही की जाती है। ऑटो चालक इससे परेशान हो चुके हैं। हर दिन सौ से डेढ़ सौ रुपए सिर्फ पार्किंग शुल्क के रूप में देने में चला जाता है। ऑटो चालक यूनियन के अध्यक्ष अर्जुन यादव ने कहा कि कई जगहों पर ऑटो चालकों से मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। यहां तक कि नेशनल हाईवे पर भी पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल टेंडर के तहत पूरे शहर के लिए एक ही टोकन जारी किया जाए।