रांची(ब्यूरो)। शहर के लोग सड़क पर उड़ती धूल व चौक-चौराहों पर लगने वाले जाम के दौरान वाहनों के साइलेंसर से निकलने वाले धुएं से परेशान हैं। एबिएंट एयर क्वालिटी को लेकर अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। यहां तक की वायु प्रदूषण से शहर के कौन-कौन से इलाके सबसे अधिक प्रदूषित हैं, उसे चिन्हित भी नहीं किया गया है। हॉट स्पॉट के रूप में अब तक सिर्फ वैसे चौक-चौराहे चिन्हित किए गए हैं, जहां अक्सर जाम की समस्या उत्पन्न होती है। शहर की वायु की गुणवत्ता को मापने के लिए वायु गुणवत्ता मापक यंत्र भी नहीं लगाए गए हैं। पहले से शहर के दो स्थलों पर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से लगाए गए दो उपकरण ही अब तक कारगर हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में एंबिएंट एयर क्वालिटी के लिए नगर विकास विभाग की ओर से रांची नगर निगम को 25 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इस राशि से रांची नगर निगम ने तीन एंटी स्माग गन मशीन व दो सुपर सकर मशीन की खरीदारी भी की है। हालांकि इन मशीनों की उपयोगिता न के बराबर है। नियमित रूप से इन मशीनों का उपयोग ही नहीं किया जाता है।
सहायक प्रशासक हैं नोडल पदाधिकारी
एंबिएंट एयर क्वालिटी को लेकर रांची नगर निगम के सहायक प्रशासक ज्योति कुमार ङ्क्षसह की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है, जिसके वे नोडल पदाधिकारी भी हैं। कमेटी में जिला परिवहन विभाग, उद्योग विभाग, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड व खान एवं भूतत्व विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग समेत कई विभागीय अधिकारी शामिल हैं। कमेटी में शामिल विभागीय अधिकारियों को माइक्रो एक्शन प्लान तैयार करना है।
अब तक किए गए प्रयास
-सड़कों का किया जा रहा कालीकरण
-मुख्य मार्गों के किनारे बिछाए गए पेवर ब्लाक
-अरगोड़ा व सहजानंद चौक के समीप जंक्शन प्वाइंट का किया इंप्रूवमेंट
-रांची नगर निगम की ओर से स्कूल व कालेज के छात्रों के बीच बांटे गए 12-14 हजार पौधे
-रांची नगर की अधिकृत एजेंसी की ओर से लगाए गए लगभग 10 हजार पौधे
-इंफोर्समेंट टीम के माध्यम से बिङ्क्षल्डग मैटेरियल्स को ढक कर रखने की दी जा रही हिदायत
-रोड स्वीपिंग मशीन के माध्यम से हो रही सफाई
भविष्य की योजनाएं
-सिटी बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी, टेंडर प्रक्रिया जल्द होगी पूरी, शहर के सभी रूटों पर 244 सिटी बसों का होगा परिचालन
-सिटी बसों की संख्या बढ़ाए जाने पर आटो की संख्या स्वत: कम हो जाएगी
-आम लोगों को एयर एंबिएंट क्वालिटी के प्रति जागरूक करने के लिए बांटे जाएंगे पंपलेट
-एयर प्यूरीफाइंग टावर भी लगाए जाएंगे
-इफेक्टिव टेक्नोलॉजी का किया जाएगा उपयोग
-15 साल पुराने वाहनों को घोषित किया जाएगा स्क्रैप
-जिला परिवहन विभाग की ओर से स्क्रैप वाहनों को क्रश करने के लिए स्थापित किए जाएंगे प्लांट व मशीन
-शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाए जाएंगे वायु गुणवत्ता मापक उपकरण

क्या है एंटी स्माग मशीन
एंटी स्माग गन मशीन धुआं व धूल को खींचकर उसे शुद्ध कर वापस वायुमंडल में भेजती है। एंटी स्माग गन के साथ ट्रक पर माउंडेट स्प्रिंकलर भी लगा होता है, जिसका उपयोग स्प्रिंकङ्क्षलग, वाङ्क्षशग व छोटी जगह पर लगी आग बुझाने के लिए किया जाता है।
क्या है सुपर सकर मशीन
कवर्ड नालों की सफाई के लिए सुपर सकर मशीन का उपयोग किया जाता है। पूर्व में नालों की सफाई मैनुअल तरीके से की जाती है। नालों की सफाई करने के बाद कूड़े के ढेर नालों के किनारे रख दिए जाते थे। अब नालों की सफाई के लिए इस मशीन का उपयोग किया जाता है। इस मशीन में टैंक की सुविधा है। नालों से निकाले गए कचरे के ढेर सीधे टैंक में संग्रहित हो जाते हैं।

कमेटी में शामिल सभी विभागों के अधिकारियों के प्रयास से ही एयर एंबिएंट क्वालिटी संभव है। एंटी स्माग मशीन की नियमित उपयोगिता के लिए रोस्टर तैयार किए जाएंगे।
-ज्योति कुमार ङ्क्षसह, सहायक प्रशासक, रांची नगर निगम।

एंबिएंट एयर क्वालिटी के लिए एनुअल एक्शन प्लान बनाने की जरूरत है। सर्वोच्च प्राथमिकता क्या होगी, यह भी तय करना होगा। प्लांटेशन, स्प्रिकङ्क्षलग, रोड स्वीङ्क्षपग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कंस्ट्रक्शन व डिमोलिशन से संबंधित कार्य कम से कम हों, इस पर फोकस करना होगा। ग्रीन एनर्जी विकसित करनी होगी। वायु को प्रदूषित करने में किसकी भूमिका अधिक है, इसका अध्ययन किया जा रहा है। विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। वायु प्रदूषण के कारणों का पता लगाया जा रहा है, ताकि यह जानकारी मिल सके कि हमारे लिए प्रायोरिटी क्या है। मौसम विभाग को एंबिएंट एयर क्वालिटी की योजना में शामिल करने की योजना है। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्मोक टावर भी लगाने की योजना है।
-अमित कुमार, निदेशक, सूडा