RANCHI : रांची यूनिवर्सिटी में फिर डिस्टेंस एजूकेशन शुरू करने की तैयारी चल रही है। यूनिवर्सिटी के सीसीडीसी डॉ पीके सिंह को इसका डायरेक्टर बनाया गया है। यूजीसी से अप्रूवल लेने के उपरांत डिस्टेंस एजूकेशन के लिए रेगुलेशंस बनाए जाएंगे। गौरतलब है कि दो साल पहले डिस्टेंस एजूकेशन के साथ कम्यूनिटी रेडियो शुरू करने के लिए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने योजना बनाई थी। इन दोनों योजनाओं के लिए यूनिवर्सिटी को फंड भी अलॉट हो चुका था, पर अबतक न तो डिस्टेंस एजूकेशन शुरू हो पाया और न ही कम्यूनिटी रेडियो ऑन एयर हुआ। यूनिवर्सिटी की सारी प्लानिंग फाइलों में दबकर रह गई। अब डिस्टेंस एजूकेशन को तो फिर से शुरू करने की कवायद हो रही है, पर कम्यूनिटी रेडियो का चैप्टर क्लोज हो चुका है।

यूनिवर्सिटीज को मिले थे ख्भ् लाख

मानव संसाधन विकास विभाग ने डिस्टेंस एजूकेशन को शुरू करने के लिए तीन यूनिवर्सिटीज को ख्भ् लाख रुपए एडवांस दिए थे, पर इस फंड का इस्तेमाल नहीं हो सका। किसी भी यूनिवर्सिटी में डिस्टेंस एजूकेशन नहीं शुरू हो सकी है। इस बाबत टीचर्स का कहना है कि यूनिवर्सिटी सिर्फ प्रपोजल बनाती है और उसे एचआरडी में सबमिट कर देती है। प्रपोजल को इंप्लीमेंट करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं होता है।

यूजीसी से चाहिए अप्रूवल

दो साल पहले डिस्टेंस एजूकेशन शुरू करने के लिए एमएचआरडी से परमिशन लेनी पड़ती थी, पर अब इसके लिए यूजीसी से अप्रूवल लेना होगा। इस बाबत यूनिवर्सिटी ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रपोजल को यूजीसी भेजा जाएगा। वहां से अप्रूवल मिलते ही रेगुलेशंस बनाकर डिस्टेंस एजूकेशन शुरू कर दी जाएगी।

किसी यूनिवर्सिटी में डिस्टेंस एजूकेशन नहीं

झारखंड में पांच यूनिवर्सिटी हैं। रांची यूनिवर्सिटी, विनोबा भावे यूनिवर्सिटी हजारीबाग, सिदो-कान्हू यूनिवर्सिटी दुमका, नीलांबर-पीतांबर यूनिवर्सिटी पलामू और कोल्हान यूनिवर्सिटी चाईबासा। इन पांचों यूनिवर्सिटी में डिस्टेंस एजूकेशन नहीं है। ऐसे में वैसे लोग जो कामकाजी हैं अथवा रेगुलर कोर्स नहीं कर सकते हैं, उन्हें दूसरे यूनिवर्सिटी से डिस्टेंस एजूकेशन करना पड़ता है।