- रांची में हजारों की संख्या में हैं अवैध मकान

- नगर निगम से फॉर्म लेने के लिए लोग नहीं आ रहे सामने

- 50 वर्गमीटर के घर के लिए कोई शुल्क नहीं

- 100 वर्गमीटर तक के लिए 100 रुपए का डीडी

- 101 वर्गमीटर से ऊपर के लिए 200 रुपए का डीडी

- मालिकाना हक नहीं तो घर नहीं होंगे वैध

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RANCHI (6 हृश्र1)

रांची में हजारों मकान अवैध बने हैं। सरकार उनको वैध करने का मौका दे रही है। लेकिन लोग खुद आगे नहीं आ रहे हैं। 31 अक्टूबर से लेकर 6 नवंबर तक में मात्र 31 लोगों ने हीं फार्म खरीदा है। रांची नगर निगम परिसर में फ ॉर्म देने और जमा लेने के लिए दो काउंटर बनाए गए हैं। काउंटर नंबर 3 में नक्शा के साथ आवेदन जमा हो रहा है और काउंटर नंबर 4 से नि:शुल्क फ ॉर्म मिल रहा है। स्टेट कैबिनेट ने पिछले महीने ही अवैध भवनों को नियमित करने के लिए बनाई गई नियमावली को स्वीकृति दी थी। अब कई शतरें के साथ आवेदन जमा करने की घोषणा की गई है। 50 वर्गमीटर क्षेत्रफल के घर के लिए काउंटर से मुफ्त में फॉर्म मिल रहा है। 51 से 100 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भवन का फ ॉर्म निगम की वेबसाइट से डाउनलोड करना होगा। आवेदन के साथ आवेदक को 100 रुपए का डिमांड ड्रॉफ्ट भी देना होगा। वहीं, 101 वर्गमीटर क्षेत्रफल से ऊपर के भवनों के आवेदन के साथ 200 रुपए का डीडी देना होगा।

हजारों मकान हैं अवैध

लगभग तीन दशक के बाद झारखंड में नगर निकाय के चुनाव 2008 में हुए। इस बीच तीन दशकों तक बिना निर्वाचित प्रबंधन के नगर निकायों की स्थिति खस्ताहाल थी। उनके जिम्मे नक्शा पास करने का काम नहीं था। यह काम रांची में आरआरडीए के पास था। वहां कर्मचारियों की कमी और दूसरे कारणों से बहुत कम मकानों के नक्शे पास हुए। उस दौरान अधिकतर मकान बिना नक्शा पास किए हुए बने। 2009-10 में रांची नगर निगम ने अवैध मकानों को वैध करने की कोशिश की, लेकिन नियम-कानून इतने कठोर बना दिए गए कि लोग आगे नहीं आए और पहल परवान नहीं चढ़ सकी।

27 मार्च तक होगा आवेदन

अवैध भवनों को नियमित कराने का आवेदन 27 मार्च 2020 तक ही जमा होगा। क्योंकि सरकार ने आवेदन जमा करने का समय छह माह दिया है। एक माह तो निगम के अफसरों की भेंट चढ़ गया। अब लोगों को मात्र 5 माह का समय मिलेगा। इसके बाद 27 दिसंबर तक निगम में जमा हुए आवेदनों का निपटारा करना होगा।

विवादित जमीन के भवन नहीं होंगे नियमित

आदिवासी या सीएनटी एक्ट से प्रभावित, गैर मजरुआ, ग्रीनलैंड, ओपेन स्पेस या अन्य विवादित जमीन पर बने घर का नक्शा पास नहीं होगा। यानी वैसी जमीन जिसका मालिकाना हक नहीं है, उन पर बने घर का आवेदन लोग नहीं कर पाएंगे। क्योंकि आवेदन करने के क्रम में जमा किया गया शुल्क वापस नहीं होगा।