रांची(ब्यूरो)। राजीव गांधी आज भी प्रासंगिक है और आने वाले समय में भी प्रासंगिक रहेंगे। वह विज्ञान और बदलाव के हमेशा से समर्थक रहे, आज जो घर-घर में मोबाइल है वह दूर संचार क्रांति, आर्थिक नीतियों पर बात हो तो नवीन आर्थिक नीति, शिक्षा के क्षेत्र में सामान्य जनों को कम पैसे में शिक्षक देने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना जैसी अनेक चीज हैं, जिन्हें समाज कभी भुला नहीं सकता और उनका यही गुण है कि राजीव गांधी बदलाव के समर्थक रहे और हर समय में, अतीत में भी प्रासंगिक थे हैं और भविष्य में भी प्रासंगिक रहेंगे। ये बातें झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहीं। 79वीं जयन्ती के मौके पर भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा के अनावरण सभा को संबोधित कर रहे थे। वरिष्ठ नागरिक उद्यान एचईसी परिसर में आयोजित इस समारोह में मुख्य अतिथि पद्मश्री मुकुन्द नायक, विशिष्ट अतिथि आलोक कुमार दूबे, लालकिशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता छोटू, रोहित उरांव, फिरोज रिजवी मुन्ना, रमेश उरांव, संजीत यादव मुख्य रूप से उपस्थित थे। इससे पहले नारियल फोड़कर विधि-विधान से राजीव गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया गया एवं 21 किलो का पुष्प माला अर्पित किया गया। दीप प्रज्वलित कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।

युवाओं को सूचना तकनीक

आलोक कुमार दूबे ने कहा कि स्व। राजीव गांधी विज्ञान और भविष्य की सोच लिये वैज्ञानिक सोच रखने वाले राष्ट्रीय नेता थे। देश और समाज को बदलाव और नवीनता के लिए कदम से कदम मिलाकर चलना सिखाया, घर-घर मोबाइल बच्चों को कम पैसे में गुणात्मक शिक्षा जैसे अनेक कार्य हैं, जिन्हें देश की जनता कभी नहीं भूल पाएगी। समारोह का संचालन करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता लालकिशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं के लिए आधी सीटें आरक्षित कर देश में बदलाव की मशाल जलाई। युवाओं को सूचना तकनीक के माध्यम से दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने की शक्ति दी। उनके सिद्धांतों पर ही आज देश का युवा वर्ग आगे बढ़ रहा है।

लोकतंत्र में छात्रों की भागीदारी

वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा मतदान की आयु सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर छात्रों को लोकतंत्र में सीधी भागीदारी सुनिश्चित कर ऐतिहासिक निर्णय लिया। राजीव गांधी वरिष्ठ नागरिक परिवार के संयोजक गोपाल कृष्ण झा ने स्वागत भाषण दिया, सेवानिवृत्त अधिकारी गोपाल प्रसाद ने राजीव जी के ऊपर रचित कविता पढ़ा तथा जगदीश कुशवाहा ने गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में झारखंड की माटी के लोक गायक पद्मश्री मुकुंद नायक की पूरी सांस्कृतिक टीम ने अपने परफॉरमेंस से समां बांधा।