--दिल्ली के फिल्मीस्तान में हुए अग्निकांड में अग्निशमन विभाग में कार्यरत राजेश ने दिखायी दिलेरी

--जान की परवाह किए बिना जलती बिल्डिंग में घुसकर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला

--अगलगी में 45 मजदूरों की हो गई मौत, 11 मजदूर बाल-बाल बचे

रांची : रांची के नामकुम तेतरी टोला के रहने वाले राजेश शुक्ला का नाम हर किसी की जुबां पर है। सोशल मीडिया पर राजेश की दिलेरी के चर्चे हो रहे हैं। राजेश शुक्ला ने अपनी जान पर खेलकर दिल्ली के फिल्मीस्तान आग हादसे में 11 लोगों की जान बचाई है। उनके साहस भरे कदम से कई लोग आग से झुलसने से बच गए। घटना के बाद दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने अस्पताल पहुंचकर राजेश शुक्ला से मुलाकात की। उन्होंने राजेश को असली हीरो बताया और उनकी बहादुरी की प्रशंसा की। उन्होंने ट्वीट कर राजेश शुक्ला को असली हीरो बताया।

घुस गए आग के बीच

दरअसल, रविवार को दिल्ली के फिल्मीस्तान मंडी में हुए दर्दनाक अग्निकांड में दर्जनों लोग फंस गए थे। अग्निशमन विभाग में पुरानी दिल्ली के असिस्टेंट डिवीजन अफसर के रूप में तैनात राजेश ने अपनी जान की परवाह किए बिना बिल्डिंग में घुसकर 11 लोगों को जिंदा बचा लिया। आग से लोगों को बाहर निकालने के दौरान खुद जख्मी हो गए। उनके पैर में गंभीर चोट आयी है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। हालांकि उनकी स्थिति ठीक है। अस्पताल से उसे छुट्टी दे दी जाएगी।

2004 से कार्यरत

राजेश शुक्ला 2004 से दिल्ली अग्निशमन में सेवारत हैं। इसके पूर्व भी गुजरात के भूकंप और दिल्ली में कई हादसों में कइयों की जान बचा चुके हैं। उनके पिता बृजकिशोर शुक्ला सीएमपीडीआई से सेवानिवृत हैं।

नहीं बचा पाने का है मलाल

मीडिया से बातचीत में राजेश ने बताया कि 11 लोगों को जिंदा बचाने की खुशी से ज्यादा उन्हें 45 से अधिक लोगों को न बचा पाने का मलाल है। जब वो घटनास्थल पर पहुंचे थे, तो तीन मंजिला बिल्डिंग पूरी तरह से आग की चपेट में थी। बावजूद राजेश जान जाने की परवाह किए बिना बिल्डिंग में घुस गए। जिंदा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। बता दें कि मरने वालों में अधिकतर मजदूर हैं जो बिहार के रहने वाले हैं। घायलों को आरएमएल अस्पताल, एलएनजेपी और हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कराया गया है।