-धनबाद और रांची जेल से संचालित हो रहा था लेवी वसूली का खेल

- एनआइए ने अमन साहू और सुजीत सिन्हा समेत 17 आरोपितों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

- लेवी वसूली के लिए अपराधियों और उग्रवादियों ने आपस में मिला लिए थे हाथ

- बिहार और झारखंड के रहने वाले हैं सभी आरोपित

- मामला लातेहार के बालूमाथ थाना क्षेत्र के तेतरियाखाड़ कोलियरी में आगजनी का

रांची : लातेहार के बालूमाथ स्थित तेतरियाखाड़ कोलियरी में आगजनी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गैंगस्टर सुजीत सिन्हा व अमन साहू सहित बिहार और झारखंड के 17 अपराधियों व उग्रवादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एनआइए ने यह चार्जशीट रांची स्थित एनआइए की विशेष अदालत में गुरुवार को दाखिल की है। इससे पहले भी अमन साहू और सुजीत सिन्हा पर जेल से ही अपराध संचालित करने के आरोप लगते रहे हैं। तेतरियाखांड़ कोलियरी में आगजनी के इस मामले में यह बात सामने आई कि अपराधियों और उग्रवादियों ने लेवी वसूली के लिए आपस में हाथ मिला लिए हैं।

दहशत की साजिश

एनआइए के अनुसंधान में यह यह तथ्य सामने आया है कि धनबाद और रांची जेल से लेवी और रंगदारी वसूलने के लिए दहशत फैलाने की साजिश रची जा रही थी। जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और अमन साहू गैंगस्टर शाहरुख, पीएलएफआइ के उग्रवादी प्रदीप गंझू और टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) के उग्रवादियों से गठबंधन कर कोयला उत्पादन और परिवहन क्षेत्रों में लेवी वसूली व अन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।

इन पर चार्ज शीट

एनआइए ने जिनपर चार्जशीट किया है उनमें सुजीत सिन्हा, अमन साहू, प्रदीप गंझू, संतोष गंझू, बिहारी गंझू, सिकंदर गंझू, प्रमोद गंझू, बाबूलाल तुरी, अजय तुरी, संतोष कुमार उर्फ बंटी यादव, प्रभात कुमार यादव उर्फ डिंपल यादव, प्रीतम कुमार उर्फ चीकू, संतोष कुमार यादव, जसीम अंसारी, वसीम अंसारी, मजीबुल अंसारी और जहीरुद्दीन अंसारी शामिल हैं।

कोलियरी में हमला

ये सभी अपराधी व उग्रवादी लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र में स्थित सीसीएल की तेतरियाखांड़ कोलियरी में हमला कर चार ट्रक, एक मोटरसाइकिल व कुछ अन्य मशीनों में आग लगाकर प्रबंधन को नुकसान पहुंचाने, दहशत फैलाने तथा मौके पर उपस्थिति लोगों से मारपीट करने के मामले में आरोपित हैं। बालूमाथ थाना पुलिस ने इस मामले में 19 दिसंबर 2020 को प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में एनआइए ने मामले को टेकओवर कर चार मार्च 2021 को दोबारा केस दर्ज किया था। जांच में एनआइए ने पाया कि गैंगस्टर सुजीत सिन्हा, अमन साहू और शाहरूख ने उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के प्रदीप गंझू के दस्ते और टीएसपीसी के उग्रवादियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था। घटना के वक्त अपराधी एके 47 व अन्य हथियारों से लैस थे।

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