रांची (ब्यूरो) । देश का जेनरल बजट आज पेश होने वाला है। एक फ रवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। यह बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होने वाला है। इस बजट से देश भर के लोगों समेत झारखंड के लोगों को भी काफी उम्मीदें हैं। बजट में क्या कुछ खास होगा। किस सेक्टर में राहत मिलनी चाहिए। इसकी चर्चा पूरी सिटी में जोरों पर है। कोई बढ़ती महंगाई से राहत की उम्मीद लगाए बैठा है तो कोई वेतनभोगी वर्ग को टैक्स में और छूट मिलने की आस लगाए हुए है। वहीं, महिलाओं को भी खाने-पीने के सामान सहित गैस के दाम कम होने की उम्मीद है। आइए, जानते हैं बजट से सिटी के विभिन्न सेक्टर के लोगों की क्या-क्या उम्मीदें हैं।
विशेष राज्य का दर्जा मिले
प्रदेश के विकास के लिए जरूरी है कि झारखंड को विशेष रा'य का दर्जा मिले। झारखंड की बुनियादी इकनॉमी माइनिंग है। यहां वर्षोंं से बंद पड़ी खदानों को पुन: शुरू करने की नीति के साथ ही नई खदानों के निर्माण की भी पहल होनी चाहिए। रा'य में स्टील फैक्ट्री का निर्माण, इंटरनेशनल कनेक्टिविटी के लिए दो एक्सप्रेस वे का निर्माण होना चाहिए। रा'य में टूरि'म यूनिवर्सिटी की स्थापना हो।
-किशोर मंत्री, अध्यक्ष, एफजेसीसीआई

टैक्स रिफॉर्म्स जरूरी
सरकार को प्राथमिकता के हिसाब से डिमांड क्रिएटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च में वृद्धि विशेषकर रूरल एरिया में हेल्थकेयर, एजुकेशन, हाउसिंग और सस्टेनेबिलिटी जैसे चार सेक्टर के विकास में खास ध्यान देना चाहिए। सब्सिडी को घटाया जाए, टैक्स रिफ ॉर्म्स हो, वेतनभोगी लोगों के स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाया जाए। कुल मिलाकर इस बजट में सभी लोगों को बहुत सारी उम्मीदें हैं।
-डॉ अभिषेक रामधीन, महासचिव, एफजेसीसीआई

रेलवे जोन बने
चक्रधरपुर रेल मंडल आयरन और खनिज की ढुलाई करके आमदनी में रिकॉर्ड बनाते जा रहा है। धनबाद रेल डिवीजन के कोयले की कमाई से पड़ोसी रा'यों में स्टेशन पर सुविधा बढ़ती जा रही है, किंतु रेल मंत्रालय द्वारा यहां के स्टेशन और यात्रियों के लिए विकास कार्य अपेक्षाओं के अनुकूल नहीं है। हमारी मांग है कि रांची, धनबाद व चक्रधरपुर रेल मंडल, बोकारो जो आदरा रेल मंडल का हिस्सा है को मिलाकर रेलवे जोन बनाया जाए, जिससे क्षेत्र का विकास और रोजगार का सृजन सुनिश्चित हो सके।
अरुण जोशी, सदस्य, डीआरयूसीसी, रांची रेल मंडल

छोटे उद्यम को लोन में तेजी
छोटे उद्यमों को लोन देने के मामले में तेजी लाने की जरूरत है, क्योंकि इससे एमएसएमई सेक्टर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत को लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वेतनभोगी वर्ग के कर स्लैब में कोई भी बदलाव या पूंजीगत व्यय अथवा कम करों के रूप में कॉरपोरेट को कोई भी प्रोत्साहन सकारात्मक माना जाएगा और बाजार में बजट के बाद तेजी की उम्मीद की जा सकती है।
अमित किशोर, बिजनेस मैन

जीएसटी दर युक्तिसंगत हो
जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाना और अनुपालन का सरलीकरण अगले बजट की सर्वो'च प्राथमिकता होनी चाहिए। जीएसटी को 2017 में टैक्स फाइलिंग को आसान बनाने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू किया गया था। सरलीकरण के बजाय । जीएसटी के परिणामस्वरूप छोटे व्यवसायी के लिए अधिक बोझिल जटिलताएं हैं और अनुपालन की लागत में वृद्धि हुई है, जिस कारण व्यवसायियों का तनाव बढ़ा है। सरकार को सभी जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई के लिए ताजा या वृद्धिशील कर्ज पर 2 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन जारी रखना चाहिए।
-अमित शर्मा, बिजनेस मैन

कॉरपोरेट टैक्स कम हो
उद्योगों की तरक्की के लिए आम बजट में कारपोरेट टैक्स कम किया जाना चाहिए। समय पर योजनाओं की सब्सिडी मिलने से उद्योग जगत नई ऊंचाई छू सकता है। जीएसटी का सरलीकरण किया जाना और आय कर स्लैब बढ़ाना उचित है। सरकार व्यवसायियों के लिए कई नियम बनाती है, लेकिन उसे जमीन पर उतारने में परेशानी होती है। एमएसएमई के लिए बैंकों से लोन की सुविधा आसान हो।
-रोहित पोद्दार, बिजनेस मैन

ई कॉमर्स की मनमानी रोकें
ईपीएफ , श्रम कानूनों, करों जैसे अनुपालनों को सरल और डिजिटाइज किया जाना एमएसएमई के लिए राहत का संकेत होगा। महंगाई को काबू में रखने के लिए आरबीआई ने इस साल रेपो रेट में कई बार बढ़ोतरी की है जिस कारण कर्ज लेना महंगा हो गया है। आयकर टैक्स में होम लोन के तौर पर दी जानेवाली ब्याज छूट की मौजूदा सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। इसी प्रकार सरकार को कड़े कानून बनाकर ई कॉमर्स की मनमानी को नियंत्रित करनी चाहिए ताकि छोटे व्यवसायी राहत की सांस ले सकें।
संजय अखौरी, अध्यक्ष, जेसीपीडी

आम लोगों को राहत हो
बजट में ऐसा प्रावधान हो, जिसमें आम लोगों को राहत मिले। गैस, पेट्रोल, डीजल,खाद्य पदार्थों पर सरकार दया दृष्टि दिखाए। मजदूरों, किसानों, छात्रों, गरीबों, दिव्यांगों, आदिवासियों, मूलवासियों और मध्यम वर्गों के हित, विकास, उन्नति और कल्याणकारी हो। बजट के माध्यम से देश में हो रही कालाबाजारी, घूसखोरी, घोटालों को रोका जा सके।
राजकुमार नागवंशी, सोशल वर्कर

इनकम टैक्स में राहत
इस बार आम बजट से देश के सभी वर्गों के लोगों को काफी उम्मीदें बंधी हुई हैं। टैक्स के बोझ तले दबे वेतनभोगी वर्ग को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इनकम टैक्स में राहत देकर उनके दर्द को थोड़ा कम करेंगी। माना जा रहा है कि इनकम टैक्स में राहत मिल सकती है। इस बार बजट में वेतनभोगी वर्ग से लेकर व्यापारियों और महिलाओं आदि सभी को काफी उम्मीदें हैं।
-मनोज तुलस्यान, बिजनेस मैन

एक्सपोर्ट में तेजी के प्रयास
यह हम सभी के लिए उम्मीदों से भरा बजट है। भारत सरकार को समस्त देश वासियों की तरफ से बधाई। हम सबों को मिलकर 5 ट्रिलियन इकनॉमी हासिल करने पर सरकार की मदद करनी चाहिए। एक्सपोर्ट में और तेजी लाने की जरूरत है। सिंगल यूज प्लास्टिक हो जाने के बाद पेपर से बने डिस्पोजेबल और पैकिंग मैटेरियल की कीमतों में एक उछाल देखा गया है, सरकार इस पर ध्यान दे।
कुंवर भाटिया, ओनर, कावेरी रेस्टोरेंट

व्यवसायी को इंसेंटिव मिले
मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती को दूर करने के लिए सामान्य व्यक्ति की आय में वृद्धि के उपाय के साथ ही हाउसिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को इन्सेंटिव देने की व्यवस्था हो। सरकार बजट में ऐसी घोषणा करे कि व्यवसाई वर्ग को इंसेंटिव देकर उनके उत्साह को भी बढ़ाया जा सके।
रोहित अग्रवाल, बिजनेस मैन

यात्री टिकटों में छूट मिले
वर्षोंं से झारखंड की राजधानी रांची, टाटानगर और धनबाद को नई ट्रेन की सुविधा नहीं मिल रही है। गुमला, चतरा, सिमडेगा और खूंटी जैसे आदिवासी बहुल इलाके भी अब तक रेलमार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं। इन जिलों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए रेल कनेक्टिविटी बेहद जरूरी है। इस बजट में वन्दे भारत के साथ ही रांची से योग नगरी ऋषिकेश और लखनऊ की ट्रेन की घोषणा जरूरी है। साथ ही सीनियर सिटीजन सहित अन्य लाभुकों को यात्री टिकट किराये में मिलनेवाली छूट को पुन: चालू करने की घोषणा होनी चाहिए।
-नवजोत अलंग, सदस्य, डीआरयूसीसी, रांची रेलमंडल